Medicinal uses of “Gooseberry (Amla)” in Ayurveda

आंवला 

आप शायद इस बात को नहीं जानते कि यह छोटा-सा फल बड़े-बड़े भयंकर रोगों का नाश करने की शक्ति रखता है | आंवले के गुणों का सबसे बड़ा साक्षी यह है कि बूढ़े च्यवन मुनि इसे खाकर फिर से जवान हो गए थे | आज लोग च्यवनप्राश के नाम से जो शक्तिशाली दवाएं बेच रहे हैं उनमें आंवले ही प्रधान हैं | यही नहीं आंवले के गुणों को महर्षि सुश्रुत तथा महर्षि चरक ने भी अपने शब्दों में कहा है कि मानव स्वास्थ्य के लिए आंवला अति गुणकारी है, जैसे कि आम आदमी की कमजोरी को दूर करने के लिए पिसा हुआ आंवला दो चम्मच एक छोटा चम्मच शहद में मिलाकर सेवन करने से शरीरिक कमजोरी दूर हो जाती है |

gooseberry

स्मरण शक्ति को बढ़ाए

जिन लोगों की स्मरण शक्ति कमजोर हो उन्हें आंवले का मुरब्बा दो नग गाय के दूध के साथ सेवन करना चाहिए |

सदा जवान रहें 

जो लोग अपनी जवानी और स्वास्थ्य को सदा बनाए रखना चाहते हैं उन्हें सुभ उठकर आंवले का रस सेवन करना चाहिए |

नजर की कमजोरी 

जिन लोगों की नजर समय से पूर्व कमजोर पड़ गई हो उन्हें रात को 5 ग्राम सूखे आंवले एक गिलास पानी में भिगोकर, सुबह उस पानी के छींटे आंखों पर मारकर प्रतिदिन धोना चाहिए, इससे नजर भी तेज होगी | आंखों के सब रोग दूर हो जायेंगे |

दिल और दिमाग के लिए उपयोगी आंवला 

भोजन करते समय जब आप आधा भोजन कर ले तो ताजा आंवले का रस निकालकर उसमें थोड़ी चीनी मिला कर सुबह के समय प्रतिदिन सेवन करें तो यह जलन रोग जाता रहेगा | 

नारी रोगों में उपयोगी आंवला 

नारी के गुप्तांगों में जब जलन हो तो उस के लिए आंवले का रस निकालकर उसमें थोड़ी चीनी मिला कर सुबह के समय प्रतिदिन सेवन करें तो यह जलन रोग जाता रहेगा |

नारी रोग : सफेद पानी (श्वेत प्रदर)

सफ़ेद पानी का रोग औरतों के लिए बहुत ही हानिकारक है | इस रोग के कारण शरीर में जो कमजोरी आती है उससे और भी कई रोग पैदा हो जाते हैं | देखा तो यह गया है कि नारी के स्वेत प्रदर रोग का उपचार एलोपैथी चिकित्सक प्रणाली में उतना सफल नहीं हो सका जितना की प्रकुति की ओर से हो जाने वाली जड़ी-बूटियों से हो रहा है | आंवला उसी विषय की एक सफल औषधि माना जाता है | 

उपचार क्या है ?

सूखे आंवले को कूट-पीसकर बारीक छलनी से छान लें, इसमें से एक चम्मच चूर्ण, आधा चम्मच शहद  में मिलाकर प्रतिदिन सुबह उठकर सेवन करने से यह जाता रहेगा |

हृदय रोग तथा हाई ब्लडप्रैशर

सुबह उठकर दो आंवले (मुरब्बा) गाय के दूध के साथ सदा सेवन करते रहें |

पत्थरी रोग

सूखे आंवले को कूट-पीसकर उसे छानकर चूर्ण बना, एक चम्मच मुली के रस के साथ सुबह शाम के समय सेवन करें तो पत्थरी रोग से मुक्ति मिल जाएगी |

कब्ज

कब्ज को सब बीमारियों को मां कहा गया है | इसके लिए आप रात के समय आंवले का चूर्ण शहद में मिलाकर गाय के दूध के साथ सेवन करवाएं तो कब्ज रोग से मुक्ति मिलेगी |

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.