आँखों को चाहिए सुरक्षा
आँखें प्रकृति द्वारा मनुष्य को दिया गया एक ऐसा उपहार है जिनके बिना सारी दुनिया अँधेरी हो जाती है | आँखें मनुष्य के शरीर का सबसे सवेंदनशील हिस्सा है | आँखों की हिकाजत कितनी जरूरी है, इसका अंदाजा आप आँख बंद करके लगा सकते हैं |
उम्र से पहले आँखों के कमजोर हो जाने के कई कारन होते हैं | आज की नई पीढ़ी को तो इतने मानसिक तनाव से गुजरना पड़ता है जिसमें आँखों की रौशनी का प्रभावित हो जाना स्वाभाविक बात है | मिलावटी खाद् पदार्थों और दूषित जल के सेवन से आँखों की कई ऐसी बीमारियाँ पैदा हो जाती हैं जिनका यदि समय रहते उपचार न किया जाये तो आदमी अपनी आखों की रौशनी तक खो सकता है |
कंप्यूटर पद्धति ने नेत्रों की जाँच के कार्य को काफी आसान कर दिया है | इससे कुछ ही मिनटों में आखों के बारे में पूर्ण जानकारी मिल जाती है | कंप्यूटर द्वारा चैकअप करवाने के बाद आमतौर पर एक्यूरेट नंबर मिलता है जिससे चश्मा सही बन जाता है |
आँखों की पूर्ण जांच के लिए अब अत्याधुनिक मशीनें आ गई हैं, जिनकी विभिन्न यूनिटें जैसे सिल्ट लप्स, करैटोमीटर ट्रेल सेट फोरसी मीटर आदि आँखों के चेकअप के साथ-साथ कांटेक्ट लैंस को भी चैक कर देती है | आँखों की सुरक्षा के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतनी जरूरी हैं :
- तेज रोशनियाँ आँखों को नुकसान पहुँचा सकती हैं, इसलिए पढाई-लिखाई का काम बहुत तेज रौशनी में नहीं करना चाहिए |
- बहुत माध्यम रौशनी से भी स्नायु पर जोर पड़ता है, अत: साधारण रौशनी में ही पढ़ना-लिखना चाहिए |
- वाहनों के धुंएँ और धुल आदि से बचाव के लिए धुप के चश्में का प्रयोग किया जाना चाहिए |
- हाई ब्लडप्रेशर और सुगर के मरीजों को समय-समय पर आँखों का उपचार कृते रहना चाहिए |
- टेलीवीजन को उचित दुरी पर हलकी रौशनी में देखना चाहिए | अँधेरे में टी.वी. देखना हानिकारक साबित हो सकता है |
- आँखों को अगर त्रिफला जल से धोया जाये तो आँखों की रौशनी बढ़ती है |
- आँखों की रोशनी विटामिन ‘ए’ से बढती है जो दूध, पपीता, हरी सब्जी आदि से प्राप्त हो सकता है |
- लेट कर पढ़ना आँखों के लिए हानिकारक हो सकता है |
- कम्पुटर पर काम करने वालों के लिए एंटी ग्लेयर ग्लासिस का उपयोग करना चाहिए |
- आँखों की देखभाल के साथ-साथ चश्में की सुरक्षा की सफाई भी बहुत जरूरी है | चश्में को धो कर सूती कपडे से पोंछ कर लगाना चाहिए | चश्में के शीशे अच्छी क्वालिटी के लगवाएं अन्यथा आँखों को नुकसान पहुँच सकता है | चश्में को दोनों हाथों से पकड कर आँखों पर लगाएँ, इससे चश्में का संतुलन सही रहता है |
- जब चश्में का उपयोग न करना हो तो उसे केस में रखें, इससे लैंस पर स्क्रैच नहीं पड़ते |
- कमजोर आँखों के लिए खासतौर पर चश्मा लगाना जरूरी होता है | यदि डाक्टर राय दें तो चश्मा हर समय लगाना चाहिए |