Herbal Home remedies for General Diseases”,”Smanya Rog”,” Jhinjhinya”,” Jhinjhinya Rog ka Gharelu Ilaj”, Symptoms, Reasons, Causes-“Herbal Treatment”

झिनझिनियां (Jhinjhinya) 

Jhinjhinya-Symptoms, Reasons, Causes

 

परिचय:-

यह रोग एक प्रकार का स्नायु रोग है और यह शरीर के स्नायु में किसी प्रकार से खराबी आ जाने के कारण होता है।

झिनझिनियां रोग होने का कारण:-

यह रोग उन व्यक्तियों को ज्यादा होता है जो कब्ज के कारण परेशान रहते हैं क्योंकि कब्ज के कारण स्नायु में किसी प्रकार का दोष उत्पन्न हो जाता है और वे सही तरीके से अपना कार्य नहीं कर पाते हैं जिसके कारण झिनझिनियां रोग हो जाता है।

यह रोग उन व्यक्तियों को भी हो जाता है जिनकी पाचनशक्ति बहुत ज्यादा कमजोर होती है क्योंकि पाचन शक्ति खराब होने के कारण रोगी व्यक्ति जो कुछ भी खाता है उसका रस न बनकर उल्टा वह पेट में सड़ने लगता है जिससे पेट में एक प्रकार की विषैली गैस उत्पन्न होने लगती है, जो मस्तिष्क की नाड़ियों की ओर बढ़ने लगती है और वहां की नाड़ियों में दोष उत्पन्न कर देती है। मस्तिष्क स्नायुमण्डल का केन्द्र होता है, वह गैस वहां पहुंचकर उपद्रव शुरू करती है और उसके बाद वह गैस स्नायु द्वारा शरीर की नस-नस में व्याप्त होकर गड़बड़ी उत्पन्न कर देती है।

यह रोग मस्तिष्क के स्नायु में सूजन हो जाने के कारण अधिक होता है।

झिनझिनियां रोग हो जाने के लक्षण:-

          इस रोग के कारण रोगी व्यक्ति के शरीर के कई अंगों में कपंकपी तथा अकड़न होने लगती है। रोगी व्यक्ति को दौरे पड़ने लगते हैं। इस रोग के कारण रोगी व्यक्ति के चेहरे की चमक खो जाती है। रोगी व्यक्ति के पैर के अंगूठे से लेकर सिर तक के समस्त स्नायु रोगग्रस्त तथा उत्तेजित हो जाते हैं।

झिनझिनियां रोग होने पर प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार:-

झिनझिनियां रोग से पीड़ित रोगी को सबसे पहले तब तक कटिस्नान करना चाहिए जब तक कि उसका शरीर ठीक प्रकार से ठंडा न हो जाए। रोगी व्यक्ति को कटिस्नान करते समय अपने टांगों, पैरों और ऊपर के शरीर को छोड़कर शेष शरीर को ठंडा नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से उन भागों में रक्त का संचारण कम हो सकता है इसलिए इन भागों को कपड़े से ढक कर रखना चाहिए। इस प्रकार से झिनझिनियां रोग का उपचार करने से यह रोग तुरन्त ही ठीक हो जाता है।

झिनझिनियां रोग का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार करने के लिए रोगी व्यक्ति को कुछ दिनों तक फलों का रस (गाजर, सेब, चुकन्दर, अनानास, संतरा) पीकर उपवास रखना चाहिए। इसके बाद रोगी को फल, सब्जी और अंकुरित दालों का कुछ दिनों तक सेवन करना चाहिए। इसके फलस्वरूप दूषित द्रव्य जल्दी ही नष्ट हो जाते है और यह रोग ठीक हो जाता है।

झिनझिनियां रोग से पीड़ित रोगी को भोजन में कॉफी, चाय, मैदा, रिफाइंड, चीनी, डिब्बाबंद खाद्य-पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।

सोयाबीन को दूध में डालकर उसमें शहद मिलाकर प्रतिदिन सेवन करने से स्नायु में पड़ी सूजन ठीक हो जाती है। इससे झिनझिनियां रोग कुछ ही समय में ठीक हो जाता है।

इस रोग से पीड़ित रोगी को प्रतिदिन पानी में नमक डालकर स्नान करने से लाभ होता है।

झिनझिनियां रोग को ठीक करने के लिए सबसे पहले रोगी व्यक्ति को स्नायु का रोग ठीक करना चाहिए, जिसके लिए कई प्रकार के आसन, यौगिक क्रियाएं तथा स्नान हैं जिनको प्रतिदिन करने से यह रोग ठीक हो जाता है ये आसन तथा यौगिक क्रियाएं और स्नान इस प्रकार हैं- रीढस्नान, कटिस्नान, मेहनस्नान, योगासन, एनिमा क्रिया तथा प्राणायाम आदि।

झिनझिनियां रोग से पीड़ित रोगी को प्रतिदिन सुबह के समय में नियमित रुप से कोई न कोई हल्का व्यायाम करना चाहिए जिससे स्नायु को शक्ति मिल सके और वे सही तरीके से अपना कार्य कर सकें। इस रोग से पीड़ित रोगी को सुबह तथा शाम के समय में खुली हवा में टहलना चाहिए इससे रोगी को बहुत अधिक लाभ मिलता है।

इस रोग से पीड़ित रोगी को रोजाना कम से कम 7 से 8 घण्टे की नींद लेनी चाहिए।

झिनझिनियां रोग से पीड़ित रोगी को प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार कराते समय अपनी सभी मानसिक परेशानियों, भय, चिंता आदि को दूर कर देना चाहिए।

यदि रोगी व्यक्ति किसी कार्य को करने में जल्दी थक जाता हो तो उसे वह कार्य करना छोड़ देना चाहिए।

झिनझिनियां रोग से पीड़ित रोगी को प्रतिदिन शुष्कघर्षण आसन करना चाहिए तथा इसके बाद साधारण स्नान करना चाहिए। इससे यह रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है।

झिनझिनियां रोग से पीड़ित रोगी को झगड़ा-झंझट, वैवाहिक जीवन की असंगति, पारिवारिक क्लेश, आर्थिक कठिनाइयां, प्रेम सम्बन्धी निराशा, यौन सम्बन्धी कुसंयोजन, क्रोध, भय, घृणा आदि मानसिक कारणों से दूर रहना चाहिए और अपना उपचार प्राकृतिक चिकित्सा से कराना चाहिए।

जानकारी

           इस प्रकार से झिनझिनियां रोग से पीड़ित रोगी का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार करने से उसका यह रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है।

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.