अच्छे स्वास्थ्य का आधार -आशावादी विचार
जैसा हम सोचते है, वैसा पते है | वैसा ही स्वास्थ्य भी होने लगता है | ताकि जैसी भावना, फल भी वैसे ही |
- आज यह प्रमाणित हो चुका है की जैसा मन होगा, वैसा ही तन होगा | मनोबल बना रहेगा तो स्वस्थ तन पा लेंगें | जिसका मनोबल टुटा, स्वास्थ्य भी बिगड़ा | सोचें तो स्वस्थ बने रहने की | रोगी बनकर जीने की कमी नही |
- इसमें संदेह नही की मन का सीधा संबंध हमारे शरीर व स्वास्थ्य के साथ है | जो रिगी आशावान होगा, वह अपने उपचार से शीघ्र ठीक हो सकेगा | जो निराशावन होगा, उस पर दवाओं का, सेवा का, सुश्रुसा का भी प्रभाव नहीं |
- किसी हॉस्पिटल का किस्सा है की निराशावादी, निरुत्शाही लोगों को अंगीकार कर लेने वाले बच्चे अधिक समय तक बिस्तर पर पड़े रहे, किंतु उसी स्तर की बीमारी वाले आशावान उत्साही रोगी, रोगों को झटक देने वाले, उसी दवा तथा आहार से अतिशीघ्र ठीक हो गए | ऐसा अक्सर होता रहा है|
- उपरन स्वस्थ रहने के लिए मन में आशा, प्रेम, उत्साह, श्रद्धा तथा विश्वास को जगाएँ | अपने मन में अच्छे विचार रखे| सुभ शुभ सोचें| शुभ करें | स्वास्थ्य तो उत्तम होगा ही, जीने में भी रस आने लगेगा | आनन्दित हो उठेगें |
- अपने कार्यों तथा शरीर के साथ कभी लापरवाही न करें | जो मन में आए व्ही करें, जो ठीक लगे | जो इच्छा हो व्ही खाएँ | जैसा चाहा , वैसा विश्वास भी बनाएं, किंतु हम इसे नकारते है | यह श्रद्धा व उत्साह नही | लापरवाही है | मनमर्जी है, गलत सोच है | प्रकृति को माने और इसी के अनुसार सोचे त्तथा करें |