“Styanashi (सत्यानाशी)” medicinal uses in Ayurveda

सत्यानाशी

satyanashi1इसका वृक्ष छोटे कद का तथा देखने में बड़ा सुंदर होता है।
आँख रोगियों के लिए इसका दूध आँख में डालना बहुत लाभदायक है।
सुजाक रोग में सत्यानाशी का रस निकालकर 10 ग्राम शीरा तवे पर रखकर उस पर रस डालें, दोनों को हलकी आंच पर पकाएं । जब रस पूरी तरह से शीरे में पक जाए तो उसे नीचे उतारकर, उस शीरे में 1 ग्राम मिश्री 10 ग्राम पानी में डालकर सुजाक रोगी को पिला दें। 15 दिन के सेवन से सुजाक रोग से मुक्ति मिलेगी ।

ऐसे रोगियों को लाल मिर्च, खटाई, गुड़, तेल नहीं खाने चाहिए। केवल मुंग की दाल (देसी घी की) व रोटी ही खाएं।

Styanashi

satyanashiThe tree is small in stature and very beautiful to see.
Pour in the milk, eye for eye patients is very beneficial.
Confounding disease juice in gonorrhea by 10 g molasses pan juices on it, insert both cook on low light. If the juice is cooked in molasses completely stripped down, 1 g sugar in the molasses 10 g macerate gonorrhea patient drink it. Intake of 15 days will cure gonorrhea.

Such patients red pepper, sour, molasses, oil should not eat. Only green gram lentils (clarified butter), and eat bread.

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