पीलू
पीलू के वृक्ष बहुत टेढ़े-मेढ़े होते हैं । उन पर पीलुओं के बड़े-बड़े गुच्छे फलों के रूप में लगते हैं । इन वृक्ष पर दिसम्बर मास में फुल आते हैं और मार्च मास में फल पक जाते हैं ।
लाभ तथा गुण
बवासीर
बवासीर रोगियों के लिए पीलू का रस बहुत ही गुणकारी माना गया है क्योंकि यह रस मीठा होता है । लोग इसे बहुत खुश होकर पीते हैं । बवासीर रोगियों को दिन में तीन बार इस रस का सेवन करना चाहिए ।
बुखार
बुखार की हालत में जब रोगी बुखार से तड़प रहा हो तो पीलू के पत्तों का काढ़ा बनाकर उसे तीन-तीन घंटों के पश्चात् पिलाते रहें । बुखार शीघ्र उतरेगा ।
पेशाब रोगों में
पीलू के पत्ते, वातनाशक, मूत्रजन्य एवं क्षीरजनन हैं, जड़ तथा छाल भी अनेक रोगों के लिए लाभकारी है । चोट अथवा जख्म पर पीलू की छाल को बांध देने से आराम मिलता है ।
Peelu
Peelu trees are very awkward. Peelu’s them seem as large flakes fruit. These trees are full in December Mass Mass in March ripen fruit.
Advantages and Properties
Hemorrhoids
Hemorrhoids patients Peelu juice is considered healthier because it is very sweet juice. People were very happy to drink it. Hemorrhoids patients this juice should be taken three times a day.
Fever
The condition of the patient dying of fever fever decoction of the leaves Peelu three hours after her drink it. Fever will come soon.
Urine Diseases
Peelu leaves, Watnashk, Mutrajny and Kshirjnn, the root and bark is beneficial for many diseases. Injury or wound the bark of the dam from Peelu relief.