तुलसी के विषय में यह बात प्रसिद्ध है की जो वायु तुलसी के पत्तो को छु कर आएगी वह शुद्ध और स्वस्थ्य के लिए उपयोगी होगी, क्योंकि इससे सारे विषेले कीटाणु अपने-आप नष्ट हो जाते है |
तुलसी को संस्कृत में आज्रक बर्बरी, वनपर्व भी कहा जाता है |
तुलसी के लाभ :
- श्याम्तुलसी के पत्तों का रस साप कटे मानव के शरीर पर यदि मला जाये तो सांप का विष समाप्त हो जाता है , थोडा-सा रस उसके मूंह मैं भी डाला जा सकता है |
- श्यामतुलसी के पत्तों को तीन ग्राम काली मिर्च आधा ग्राम लोंग तथा आधा ग्राम काली मिर्च, इन सब को कूट-पीसकर गोलियां बना लें | एक – एक गोली सुबह-शाम, खांसी, नजला, जुखाम के रोगीओं को खिलाएं तो रोगी कुछ दिनों में ठीक हो जायेगा |
- तुलसी यदि माँ के दूध के साथ बच्चे को दिया जाए तो बच्चों के दस्त रोग ठीक हो जाते हैं | वे दांत भी बड़े आराम से निकाल सकते हैं |
- तुलसी का रस मिश्री में मिलाकर रक्तस्राव रोग से मुक्ति मिलती है |
- मलेरिया बुखार में, तुलसी को पतों का रस और काली मिर्च को मिलाकर दिन में चार सेवन करने से ठीक हो जाता है |
- मूत्र रोगों में तुलसी और अजवायन का रस मिलाकर रोगी को दिया जाये तो पेशाब की जलन अथवा पेशाब का खुलकर न आना जैसे रोग ठीक हो जाते हैं |