“Makoi (मकोय)” herb is very beneficial in Ayurveda

मकोय

मकोय का वृक्ष छोटे कद का होता है । इस पर सफ़ेद रंग के फुल आते हैं । इसके फल के गुच्छे होते हैं । यह आम जंगलों, मैदानी क्षेत्रों में प्राकृतिक रूप से जन्म लेता है । इसकी तीन किस्में होती हैं –

सफेद छिलके वाली मकोय, जिसके अंदर लाली लिए पीले रंग का फल होता है । यह खाने के काम आती है ।

कुछ लोग इसे रस भर भी कहता हैं ।
दूसरी काली रंग की मकोय होती है ।
तीसरी लाल रंग की मकोय होती है ।

गुण तथा लाभ

शरीर की सुजन

शरीर का कोई भी भाग चोट से या वैसे ही सूज जाए तो मकोय के पत्तों का अर्क गर्म करके उस पर लेप करें तो शीघ्र आराम आएगा ।
तापतिल्ली रोग नष्ट हो जाता है ।

अफीम का नशा दूर करे

मकोय की पत्तियों का रस निकालकर किसी भी अफीम के नशे में धुत व्यक्ति को पिला देने से उसका नशा दूर हो जाता है ।

Makoi

makoi1makoiTree sap is of small stature. The white are full. The bunches of fruit. The common forests, plains is born naturally. There are three varieties –

The sap white skin, redness in which the fruit is yellow. It is used for food.

Some people also say that the juice.
Black is the color of the sap.
The third is the red sap.

Properties and Advantages

Inflammation of the body

No part of the body from injury or inflammation, as if Makoi leaves and apply it on that extracts heat will ease soon.
Taptilli disease is destroyed.

Relieve the opium addicts

Any opium sap juice of the leaves of the drunken person to feed his addiction goes away.

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