शरीर की मालिश का बहुत महत्व
तेल की या घी से मालिश करने या कराने की भारत में सदियों पुराणी परंपरा है |
जरूरी नहीं की पहलवान ही मालिश करवाते है, वह सबके लिए उपयोगी है |
- समान्य स्वास्थ्य वाले व्यक्ति के लिए मालिश शरीर में संजीवनी का सा संचार कर देती है, जबकि साधारण रोग वाले व्यक्ति को मालिश से स्वास्थ्य लाभ मिल जाता है | उसका रोग शांत होता है | शरीर को शक्ति मिलती है | रोगों से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा शक्ति में वृद्धि होती है | इसको अपनाना एक अच्छी आदत होती है |
- मालिश आमतोर पर सरसों के तेल से ही की जाती है | किंतु देशी घी, जैतून का तेल तथा बादाम रोगन पा सकें तो कभी कभी इनसे भी मालिश करें |
- मालिश भी एक व्यायाम है जो बड़ा सरल तथा उपयोगी होता है |
- मालिश भी एक ब्यायाम है जो शरीर में गर्मी पैदा करता है | जिससे रक्त पुरे शरीर में तीव्रता के साथ दौरा करने लगता है |
- जब रक्त का दौरा तेज होगा तो रक्त में तथा शरीर में तिव्रता के साथ दौरा करने लगता है |
- मालिश की विशेषता है की यह त्वचा तथा चेहरे को निखार देती है |
- मालिश से कब्ज खत्म होती है | पाचन शक्ति तेज होती है |
- जो व्यक्ति अपने सिर की नियमित मालिश करते है उनका मस्तिष्क भी तेज हो जाता है |
- किसी भी छोटे छोटे अंग में विकास रुक गया हो तो दिन में तीन बार लगातार मालिश करने से अंगों का विकास समान्य हो जाता है |
- चोट लगने पर,. मालिश करने से सुजन नही होती |
- मालिश में असावधानी करना, लाभ की जगह हनी करता है | अतः जानकार से सीखकर अपनाएं
- पेट विकार या स्वाश रोग होने पर मालिश मत करें
- मालिश के तुरंत बाद शरीर को ढक लें | हवा न लगे इन कुछ बातों को धन में रखकर मालिश से स्वास्थ्य सुधर संभव है |