पैरों का बांयटा
पैरों में बांयटा आना आजकल सामान्य बात हो गई है | अंग्रेजी में इसे ‘मसल पुल’ हो जाना कहते हैं | बांयटा आने पर असहनीय वेदना होती है और उसे मिटाने के प्रयास में कई बार पीड़ा और अधिक असह हो जाती है | अधिकांश लोगों में पैर की पिंडली के पीछे की मांसपेशी खिंच कर ऊपर उठ जाती है | इस बांयटे के निवारण का एक सरल उपाय है (चूंकि हरेक के शरीर की प्रकृति भिन्न होती है, अत: सभी लोगों के लिए इस उपाय से ठीक होने का दावा करना उचित नहीं) |
पिंडली की मांसपेशी खिंच जाने पर तुरंत उस पैर के पंजे को ऊपर की और खींचे | यदि वह स्वत: ऊपर नहीं उठे तो उसे हाथ से पकड़ कर खीचें या उस पनके के बल खड़े होने का प्रयास करें | जैसे ही पंजा ऊपर की और मुड़ेगा, बांयटा निकल जाएगा और उसकी लेशमात्र भी पीड़ा शेष नहीं रहेगी | ध्यान यह रखा जाए कि पंजा किसी भी सूरत में विपरीत दिशा में अर्थात नीचे की ओर नहीं जाए अन्यथा पीड़ा तीव्रतर हो जाएगी | बांयटा निकालने का यह उपाय शरीर रचना पर आधारित है अत: अत्यन्त प्रभावी है |