सिस्टाइटिस (Cystitis)
Cystitis, Symptoms, Reasons, Causes
परिचय:-
जब मू़त्राशय में संक्रमण हो जाता है तो वह सिस्टाइटिस का रोग कहलाता है। सिस्टाइटिस रोग ज्यादातर महिलाओं में पाया जाता है लेकिन कभी-कभी ये रोग बच्चों में भी पाया जाता है।
कारण–
मलाशय के अन्दर या उसके आसपास रहने वाले बैक्टीरिया जब पेशाब की नली के द्वार पर पहुंच जाते हैं तो ये वहां जाकर सक्रिय हो जाते हैं और सिस्टाइटिस रोग का कारण बनते हैं। इस रोग के होने का एक कारण यह भी है कि जब स्त्रियां अपने यौन अंगों को अच्छी तरह साफ नहीं करती तो बैक्टीरिया संभोग के दौरान भी यह मूत्रद्वार में पहुंच सकते हैं।
लक्षण–
सिस्टाइटिस रोग के शुरुआती लक्षणों में रोगी को बार-बार पेशाब करने का मन होता है और जब वह पेशाब करता है तो उसे काफी जलन महसूस होती है, पेशाब से काफी बदबू आती है और पेशाब के साथ खून भी आ जाता है। इस रोग में रोगी के पेट के नीचे या पीठ में दर्द होने लगता है तथा उसे तेज बुखार की शिकायत भी हो जाती है। रोगी का शरीर थका-थका सा रहता है तथा उसका किसी भी काम में मन नहीं लगता।
चिकित्सा–
अगर किसी व्यक्ति को लगता है कि उसे सिस्टाइटिस रोग है या उसमें वो सारे लक्षण है जो एक सिस्टाइटिस रोगी में होते है तो उसे तुरन्त ही अपने पेशाब की जांच करानी चाहिए ताकि उसके रोग का पता चल सके। रोगी को जितना हो सके ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए हों सके तो पानी में सोड़ा बाईकार्बोनेट जैसा कोई क्षारीय पदार्थ डाल लें ताकि बैक्टीरिया या अन्य वायरस जल्द खत्म हो जाए या पेशाब के साथ बाहर आ जाए। अगर आप हृदय या गुर्दे के रोगी है तो पानी में सोड़ा बाईकार्बोनेट न मिलाएं।
जो लोग तंबाकू और शराब का सेवन करते हैं उन्हे तुरंत ही इनका सेवन बंद कर देना चाहिए। इसके अलावा इस रोग में अम्ल वाले पदार्थ जैसे- संतरे, अंगूर, तेज मसालेदार चाय, कॉफी, कार्बोनेटिक सॉफ्ट ड्रिंक आदि।