जुकाम (Cold)
Cold- Symptoms, Reasons, Causes
परिचय:-
जुकाम रोग से पीड़ित रोगी की नाक से पानी बहने लगता है तथा उसे कई बार छीकें भी आने लगती हैं। इस रोग से पीड़ित रोगी को ठंड का अनुभव होता है तथा उसे अपना सिर भारी-भारी लगने लगता है। रोगी को सांस लेने में परेशानी होने लगती है तथा कभी-कभी तो रोगी व्यक्ति को बुखार भी होने लगता है और उसे किसी भी काम को करने का मन नहीं करता है। इस रोग से पीड़ित रोगी को बात-बात पर गुस्सा आने लगता है। जुकाम होने पर एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि यह एक ऐसी प्रक्रिया भी होती है जिसके कारण शरीर में जमा हुआ दूषित द्रव्य शरीर से बाहर निकल जाता है।
जुकाम होने का कारण:-
जुकाम का रोग अधिकतर गलत तरीके से भोजन करने के कारण होता है।
पेट में कब्ज बनने के कारण भी जुकाम हो सकता है।
ज्यादा दिमागी काम करने के कारण भी जुकाम हो सकता है।
जरूरत से ज्यादा खाना खाने के कारण भी जुकाम हो जाता है।
अधिक घी, तेल, चीनी वाले पदार्थ और तली-भुनी चीजें खाने के कारण भी जुकाम हो सकता है।
धुंए तथा धूल भरे वातावरण में रहने के कारण भी जुकाम हो सकता है।
रात को अधिक देर तक जागते रहने, ठंड लगने तथा व्यायाम के अभाव के कारण भी जुकाम हो सकता है।
जुकाम का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार:-
जुकाम होने पर रोगी को सप्ताह में एक दिन उपवास रखना चाहिए और उपवास के दौरान केवल गर्म पानी पीना चाहिए।
इस रोग से पीड़ित रोगी को 1 गिलास गुनगुने पानी में 1 नींबू निचोड़कर और उसमें 1 चम्मच शहद मिलाकर पीना चाहिए। इसके फलस्वरूप जुकाम कुछ ही समय में ठीक हो जाता है।
पानी में नींबू का रस, तुलसी का रस तथा शहद मिलकर 2-3 दिन तक लगातार पीने से रोगी का जुकाम जल्दी ठीक हो जाता है।
पानी में नींबू का रस मिलाकर पीने के बाद 10-15 भीगे हुए मुनक्के तथा 2-3 भीगी हुई अंजीर खाने से जुकाम ठीक हो जाता है।
इस रोग से पीड़ित रोगी को विटामिन `सी´ वाली चीजों का अधिक सेवन करना चाहिए। इसके फलस्वरूप यह रोग कुछ ही समय में ठीक हो जाता है।
जुकाम को ठीक करने के लिए रोगी को अपने पेट पर गीली मिट्टी का लेप करना चाहिए तथा इसके बाद एनिमा लेकर पेट को साफ करना चाहिए। इसके बाद रोगी व्यक्ति को जलनेति तथा कुंजल क्रिया करनी चाहिए और फिर अपने पैरों को गर्म पानी से धोना चाहिए। इसके बाद रोगी को भाप स्नान करना चाहिए और कुछ देर तक धूप से अपने शरीर की सिंकाई करनी चाहिए। इसके फसस्वरूप जुकाम जल्दी ठीक हो जाता है।
इस रोग से पीड़ित रोगी को नमक के पानी से गरारे करने चाहिए तथा इसके बाद सूर्यतप्त हरी बोतल का पानी पीना चाहिए। जिसके फलस्वरूप यह रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
यदि जुकाम का रोग बहुत अधिक पुराना हो गया हो तो सूर्यतप्त द्वारा तैयार किया गया पीली बोतल का जल दिन में 3-4 बार पीने से लाभ होता है।
जुकाम रोग को ठीक करने के लिए कई प्रकार के आसन हैं जिसको करने से जुकाम ठीक हो जाता है ये आसन इस प्रकार हैं- गोमुखासन, सर्वांगासन, पश्चिमोत्तानासन, सूर्यभेदन प्राणायाम तथा आदि।