पागल कुत्ते के काटने पर (Hydrophobia/ Rabies)
Hydrophobia/ Rabies-Symptoms, Reasons, Causes
परिचय:-
पागल कुत्ता तथा अन्य प्रकार के जानवरों के काट लेने पर उसका जहर व्यक्ति के शरीर में फैल जाता है। इस जहर के कारण रोगी के शरीर में कई प्रकार की एलर्जी या फिर कई प्रकार के रोग हो जाते हैं। कभी-कभी तो रोगी पागलों जैसी हरकतें करने लगता है।
पागल कुत्ते के काटने पर प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार–
पागल कुत्ते के काटे के जहर को उतारने के लिए जिस स्थान पर कुत्ते ने काटा हो उस स्थान को दबा-दबाकर काफी खून निकाल देना चाहिए। इसके बाद घाव को नींबू के रस मिले पानी से अच्छी तरह से धो लेना चाहिए और इसके बाद घाव को साफ करके उस पर लोहे की सलाई का सिरा लाल करके घाव को जलाना चाहिए।
जैसे ही किसी व्यक्ति को पागल कुत्ता काटे तो उसके जहर वाले स्थान के ऊपर थोड़ी-थोड़ी दूरी पर मजबूती से रस्सी बांध देनी चाहिए। फिर कटे हुए स्थान से आगे तथा पीछे की ओर कम से कम 3 बंधन बांधने चाहिए। फिर उसके बाद पागल कुत्ते के काटे हुए स्थान पर ब्लेड या तेज चाकू से चीरा लगाकर उस जगह के सारे जहरीले खून को चूस-चूस कर बाहर निकाल देना चाहिए और उसके बाद पागल कुत्ते के काटे हुए स्थान तथा चीरा लगाए हुए स्थान को नीम का रस मिले गर्म पानी से धोना चाहिए। इसके बाद रोगी के तीनों बन्धनों को खोलकर उस स्थान को गहरे ठंडे पानी में डुबोकर मोटे कपडे से रगड़-उगड़कर डेढ़ या दो घण्टे तक अथवा इससे भी अधिक समय तक धोना चाहिए। इसके बाद घाव को नींबू के रस मिले हुए पानी से धोकर रोगी को गुनगुने पानी के साथ एनिमा क्रिया करानी चाहिए। इसके बाद रोगी को प्राकृतिक चिकित्सा के अनुसार भाप स्नान कराना चाहिए और कुछ समय के बाद रोगी को ठंडे जल का स्नान कराना चाहिए और फिर मिट्टी की ठंडी पट्टी घाव पर बांधनी चाहिए। जब यह पट्टी थोड़ी देर के बाद गर्म हो जाए तो फिर से ठंडी पट्टी बांधनी चाहिए। इस प्रकार से रोगी का इलाज प्राकृतिक चिकित्सा से करने से रोगी कुछ ही समय में ठीक हो जाता है।