दूर–दृष्टिदोष
Hypermetropia-Symptoms, Reasons, Causes
दूर-दृष्टिदोष के रोग में रोगी दूर की वस्तुओं को आसानी से देख सकता है परन्तु पास की वस्तुओं को देखने में उसे कठिनाई का अनुभव होता है। रोगी को दूर-दृष्टिदोष का रोग काफी पुराने बुखार, फालिज, पुराना जुकाम तथा चश्मे का अधिक प्रयोग करने के कारण हो जाता है।
दूर-दृष्टिदोष से पीड़ित रोगी को संतुलित और स्वाभाविक भोजन ही सेवन करना चाहिए। उसे प्रतिदिन सुबह के समय गर्दन से सम्बंधित व्यायाम करने चाहिए तथा सूर्य के प्रकाश की किरणों द्वारा तप्त (चार्ज) हरे रंग की बोतल का जल की छींटे दिन में कई बार आंखों पर मारनी चाहिए। सुबह के समय सूर्य की किरणों को बंद आंखों पर डालने से अधिक लाभ होता है तथा शाम के समय नियमित रूप से लगभग 20-25 मिनट तक आंखों का व्यायाम करना चाहिए। इस रोग में आंखों का व्यायाम विशेष रूप से लाभकारी होता है। इस रोग से पीड़ित रोगी को आंखों के व्यायाम के बाद जितना हो सके आंखों के पास किताब को रखकर पढ़ना चाहिए। ऐसा करने से आंखों पर जोर नहीं पड़ता है। पढ़ते समय बीच-बीच में पलकें गिराकर झपकनी चाहिए और आंखों को भी विश्राम देते रहना चाहिए। इस प्रकार कुछ दिनों तक करते रहने से आंखों पर लगा चश्मा भी हट जाता है।