आंखों की रोशनी (Eyes weakness)
Eye Weakness-Symptoms, Reasons, Causes
आंखों के खराब होने के प्रमुख कारण:-
- धुंआ : हमारे चारों ओर का वातावरण विषैले धुएं से भर चुका है जिसके कारण जब हमारी आंखें विषैली धुंए के संपर्क में आती है तो आंखों में विभिन्न प्रकार के विकार उत्पन्न हो जाते हैं।
- धूल : वर्तमान समय में हमारे चारों ओर के वातावरण में धूल के कण विद्यमान हैं। धूल के कारण भी हमारी आंखों में रोग उत्पन्न हो जाते हैं।
- रात को काफी देर में सोना : रात को अधिक समय तक रोशनी में पढ़ना अथवा अधिक समय तक कार्य करना भी स्वास्थ्य की दृष्टि से आंखों के लिए हानिकारक होता है।
- तेज धूप: गर्मियों के मौसम में दोपहर के समय तेज धूप की किरणें हमारे आंखों की रोशनी के लिए हानिकारक होती है।
- अधिक समय तक एक ही स्थान पर देखते रहना : आंखों को लगातार एक ही जगह जमाकर रखने वाले कार्य जैसे कम्प्यूटर पर एकटक देखते रहना भी आंखों की रोशनी के लिए हानिकारक होता है। इसलिए आंखों को एक स्थान से हटाकर कुछ देर के लिए इधर-उधर भी देखना चाहिए।
- अन्य कारण: हमारी आंखों की छोटी-छोटी बातें भी महत्वपूर्ण होती हैं। इसलिए आंखों की छोटी-छोटी बीमारियों को भी ध्यान में रखना चाहिए। अन्यथा इसके कारण आंखों की रोशनी जाने का खतरा रहता है। इन परिस्थितियों के लिए प्राय: धुंआ ही कारण होता है। इसलिए हमें अपनी आंखों को धुंए से बचाकर रखना चाहिए।
- आंखों की फुंसियां : इन्द्रिय सम्बंधी रोगों के कारण आंखों की पलकों के ऊपर और नीचे गिनौरिया, सिफलिस आदि छोटी-छोटी फुंसियां निकल आती हैं। आंखों में फुंसियां निकलने के समय आंखों के पहले या दूसरे पर्दे में तथा आंखों के गोलों में दर्द उत्पन्न होता है। जब हम इन छोटी-छोटी फुंसियों की ओर ध्यान नहीं देते तो धीरे-धीरे करके यहीं छोटी-छोटी फुंसियां बडे़ आकार के फोड़ों का रूप धारण कर लेती हैं तथा इसके कारण आंखों की मांसपेशियों में शिथिलता, अंधापन, आदि विभिन्न प्रकार के आंखों के रोग उत्पन्न हो जाते हैं। ऐसी अवस्था में आंखों का निम्न प्राकृतिक उपचार करना चाहिए।
प्राकृतिक चिकित्सा:
आंखों की फुंसियों के उपचार के लिए हरे रंग की बोतल से सूर्य चार्ज गुलाब के जल की तीन-चार बूंदें दिन में चार बार आंखों में डालनी चाहिए। सूर्य किरण तथा रंग चिकित्सा के माध्यम से सूर्य के प्रकाश से गर्म हरे रंग की बोतल के पानी से आंखों को दिन में तीन बार धोना चाहिए अथवा आंखों को धोने के लिए आईकप में आंखों को डुबोकर आंखों का व्यायाम करना चाहिए। उदाहरणार्थ आईकप में डूबी हुई आंखों को खोलकर दाएं-बाएं, ऊपर-नीचे करने से आंखों का व्यायाम हो जाता है तथा ऐसा करने से हमारी आंखों की रोशनी में वृद्धि होती है।
आंखों में पानी आना, जाला, फूला तथा आंखों की लालिमा आदि रोगों की प्राकृतिक चिकित्सा:
आंखों से पानी आना, जाला, फूला, आंखों की लालिमा आदि रोगों की प्राकृतिक चिकित्सा के लिए सबसे पहले हरे रंग की बोतल में गुलाब जल को भरकर सूर्य के प्रकाश में गर्म कर लेना चाहिए। इसके बाद इसके जल की तीन-चार बूंदों को दिन में तीन-चार बार आंखों में डालना चाहिए। सूर्य किरण तथा रंग चिकित्सा के द्वारा सूर्य के प्रकाश से गर्म हरे रंग की बोतल के पानी से आंखों को दिन में तीन बार धोना चाहिए अथवा आंखों को धोने के लिए आईकप में आंखों को डुबोकर आंखों का व्यायाम करना चाहिए।