आंखों का लकवा: Eye paralysis
Eye paralysis-Symptoms, Reasons, Causes
आंखों के लकवा रोग की प्राकृतिक चिकित्सा के लिए हरे रंग की कांच की बोतल में पानी को भरकर उसे सूर्य के प्रकाश में रखकर उसमें औषधीय गुण लाते हैं। इसके बाद इस जल से दिन में तीन-चार बार आंखों को धोना चाहिए तथा हरे रंग की बोतल में गाय के शुद्ध घी को भरकर सूर्य के प्रकाश में गर्म करके प्रतिदिन 3-4 बार आंखों में डालने से तथा आंखों का व्यायाम करने से आंखों का लकवा ठीक हो जाता है।
आंखों के सामने मक्खियां उड़ने का आभास होना, काले धब्बे प्रतीत होना, प्रकाश के चारों ओर रंग बिरंगे तारे के समान दिखाई देना तथा आंखों में अंधाप :
आंखों के रोग होने के विभिन्न कारण होते हैं जैसे- अधिक गर्म खाद्य-पदार्थों का सेवन, नशीले पदार्थ, धूल के कण, अधिक सोचना, कम्यूटर या टी.बी. पर अधिक समय आंखे टिकाए रहना, अधिक समय तक सेक्स सम्बंधी बातों में लिप्त रहना, मधुमेह या मूत्र रोगों के कारण पुरानी कब्ज का होना, पूरी नींद न लेना तथा भोजन में पोषक तत्वों और विटामिन `ए´ की कमी होना आदि। आंखों की कुछ बीमारियां अनुवांशिक होती हैं।
मोतियाबिंद पक जाने के बाद आंखों का आपरेशन करना अनिवार्य हो जाता है। मोतियाबिंद का आप्रेशन करवाने के बाद आंखों में लालिमा आ जाती है। यदि आंखों की लालिमा दूर न हो रही हो तो सूर्य द्वारा गर्म किये हुए कांच के हरे रंग की बोतल के जल से आंखों को धोना चाहिए। इससे आंखों की लाली दूर हो जाती है।
आंखों के चश्मे से छुटकारा पाने के लिए सूर्य प्रकाश और रंग चिकित्सा के माध्यम से हरे रंग की कांच के बोतल में जल को भरकर उसे सूर्य के प्रकाश में रखकर उसमें औषधीय गुण लाते हैं। इसके बाद इस पानी से दिन में तीन-चार बार नियमानुसार आंखों को धोने से तथा हरे रंग के सैलोफिन कागज की 15-16 परत बनाकर आंखों को खोलकर सूर्य की रोशनी में सुबह-शाम दोनों समय आंखों में डालने से आंखों की रोशनी तेज होती है। इस क्रिया को लगातार कम से कम तीन महीने या उससे अधिक समय तक धैर्यपूर्वक करते रहने से निकट दृष्टि दोष ठीक हो जाता है और वर्षों से लगा हुआ चश्मा उतारा जा सकता है। इसे ठीक होने में इस बात का विशेष महत्व होता है कि चश्मे का नम्बर कितना है? आंखों के रोगी का भोजन कैसा है? रोगी पूरी नींद सोता है अथवा नहीं? रोगी किसी बात को सोच-सोचकर परेशान नहीं होता हैं? इन बातों के निगेटिव होने पर भी निराश नहीं होना चाहिए क्योंकि नियम और ध्यानपूर्वक उपचार करने से आंखों के सभी प्रकार के रोग नष्ट हो जाते हैं।
आंखों की पलकों के ऊपरी भाग के बालों का झड़ना:
आंखों की पलकों के ऊपरी भाग के बालों का झड़ने की समस्या से छुटकारा पाने के लिए हरे रंग की कांच की बोतल में सूर्य किरणों द्वारा तैयार पानी को सुबह के समय खाली पेट प्यास के अनुसार पीना चाहिए। इसे लगभग 100 से 200 मिलीग्राम की मात्रा में पीना चाहिए। इसके लिए सूर्य के प्रकाश द्वारा तप्त (चार्ज) नीली कांच के बोतल में गाय के घी को आंखों के पलकों के ऊपर बालों पर लगाने से अथवा मालिश करने से पलकों के बालों का गिरना बंद हो जाता है। सूर्योदय के समय नीले रंग के सैलोफिन कागज की चार परत बनाकर लगभग 8 से 10 सेमी की दूरी पर रखकर 5-7 मिनट तक आंखों के ऊपर पलकों पर रोशनी देते हैं। ऐसा शाम के समय भी कर सकते हैं। सूर्य के अस्त होने के समय सूर्य की रोशनी अधिक गुणकारी होती है।