बच्चों के दांत निकलने के समय होने वाले रोग
Dentition Diseases, Reasons, Symptoms, Causes
परिचय:-
प्राकृतिक चिकित्सा के अनुसार नवजात शिशुओं का स्वास्थ्य माता के (आहार विहार) भोजन पर निर्भर करता है। यदि मां रोगी है तो बच्चा भी बीमार होता रहेगा। इसलिए केवल बच्चे की ही चिकित्सा नहीं करनी चाहिए बल्कि मां की चिकित्सा भी करनी चाहिए। बच्चों को कई प्रकार के रोग हो सकते हैं। बच्चों के दांत निकलने के समय उन्हें बहुत से रोग घेर लेते हैं। बच्चों के इस रोग का इलाज प्राकृतिक चिकित्सा से ठीक किया जा सकता है।
बच्चों के दांत निकलने के समय होने वाले रोग के लक्षण–
जब छोटे बच्चों के दांत निकलते हैं तो उस समय बच्चों को दस्त लगने लगते हैं, बच्चे अधिकतर रोते रहते हैं तथा उनके मसूढ़े सरसराते रहते हैं।
बच्चों के दांत निकलने के समय होने वाले रोगों का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार:-
दो चम्मच सौंफ को लेकर एक कप पानी में उबाल लें। फिर पानी को छानकर 1 चम्मच की मात्रा में बच्चे को दिन में 4 बार पिलायें। इससे बच्चे के दांत निकलते समय होने वाले रोग ठीक हो जाते हैं और बच्चे ज्यादा रोते भी नहीं हैं।
बच्चों के दांत निकलने के समय ताजे आंवले का रस मसूढ़ों पर मसलने से दांत आसानी से निकल जाते हैं।
100 मिलीलीटर अनन्नास के रस में थोड़ा नींबू का रस मिलाकर बच्चों को प्रतिदिन पिलाने से बच्चों के दांत आसानी से निकल जाते हैं और बच्चों के उस समय होने वाले रोग भी ठीक हो जाते हैं।
तुलसी का रस शहद में मिलाकर मसूढ़ों पर मलने तथा बच्चों को यह रस थोड़ा सा चटाने से बच्चों के दांत जल्दी ही निकल जाते हैं तथा उस समय होने वाले कष्ट भी जल्दी ही ठीक हो जाते हैं।
यदि दांत निकलते समय बच्चे के पेट में कब्ज रहती है तो उसे अंगूर का रस पिलाना चाहिए। इससे बच्चे के पेट में कब्ज बनना बंद हो जाती है।
यदि बच्चे को दस्त लग गए हों तो उसे अनार का रस पिलाना चाहिए। इससे बच्चे को दस्त होना बंद हो जाते हैं।
यदि बच्चे को दांत निकलते समय बुखार हो गया हो तो उसे फटे हुए दूध का पानी पिलाना चाहिए। इससे बच्चे का बुखार ठीक हो जाता है।
यदि बच्चे को दांत निकलते समय उल्टी हो रही हो तो उसे अनार का रस दिन में 2-3 बार एक चम्मच की मात्रा में पिलाना चाहिए। इससे बच्चे को उल्टी होना बंद हो जाती है।