हड्डी का टूटना (Bone fracture)
Bone Fracture-Symptoms, Reasons, Causes
परिचय:-
इस रोग के कारण रोगी के शरीर की हड्डी अपने स्थान से हट जाती है या शरीर की हड्डी टूट जाती है। जिसके कारण रोगी व्यक्ति को बहुत अधिक कष्टों का सामना करना पड़ता है।
हड्डी के टूटने का कारण–
हड्डी के टूटने के कई कारण हो सकते हैं जो इस प्रकार हैं- किसी दुर्घटना के कारण जब व्यक्ति के शरीर की किसी भी हड्डी पर अचानक से चोट लग जाती है तो हड्डी उस स्थान से चटक जाती है या फिर हड्डी अपने स्थान से हट जाती है। शरीर में अचानक किसी प्रकार से खिंचाव आ जाने के कारण भी हड्डी टूट जाती है।
हड्डी टूटने का लक्षण–
इस रोग के कारण रोगी के शरीर के जिस भाग की हड्डी टूटी रहती है उस भाग में बहुत तेज दर्द होता है तथा इस दर्द के कारण रोगी व्यक्ति सही से कोई काम भी नहीं कर पाता है और रोगी व्यक्ति को बहुत अधिक कष्टों का सामना करना पड़ता है।
हड्डी टूटने पर प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार–
जब किसी व्यक्ति के शरीर के किसी भाग की कोई हड्डी टूट जाती या हड्डी अपने स्थान से हट जाती है तो उस भाग को सहारा देने के लिए एक लकड़ी या किसी उपकरण को उस स्थान से लगाकर बांध देना चाहिए। फिर ठंडे जल से भीगी मोटे कपड़े की पट्टी इसके ऊपर बांध देनी चाहिए। इसके बाद ठंडे पानी से पट्टी को तर (भिगोते रहना) करते रहना चाहिए। यदि उस भाग पर दर्द हो रहा हो तो दर्द को कम करने के लिए गर्म तथा ठंडी सिंकाई करनी चाहिए। इस भाग का इलाज करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि चोट वाला भाग हिले न, रोगी को जितना हो सके आराम करना चाहिए। यदि रोगी व्यक्ति को गर्म पट्टी से सिंकाई करने से आराम मिल रहा है तो गर्म पट्टी से सिंकाई करनी चाहिए। यदि हड्डी अपने स्थान से हट गई है तो रोगी व्यक्ति को किसी ऐसे चिकित्सक से उपचार कराना चाहिए, जो हड्डी को अपने स्थान पर बैठाना जानता हो। जब इलाज कर रहे हो तो कुछ दिनों के बाद या जब चोट ग्रस्त भाग पर दर्द कम हो गया हो तो उस भाग पर कपड़े की ठंडी पट्टी के बजाए, मिट्टी की गीली पट्टी दिन में कई बार बदल-बदल कर लगानी चाहिए। इस प्रकार से रोगी का इलाज प्राकृतिक चिकित्सा से करने से रोगी की हड्डी अपने स्थान पर आ जाती है तथा रोगी का रोग ठीक हो जाता है।