हडि्डयों में खोखलापन होना (Bone hollowness)
Bone hollowness- Symptoms, Reasons, Causes
परिचय:-
वैसे तो हडि्डयों में खोखलेपन का रोग किसी भी उम्र के स्त्री-पुरुष को हो सकता है लेकिन यह फिर भी ज्यादातर यह रोग 50 वर्ष के उम्र से ज्यादा वर्ष के लोगों में पाया जाता है। यह रोग उन स्त्रियों को भी अधिक होता है जो स्त्रियां रजोनिवृति (मासिकधर्म का आना बंद हो जाना) की अवस्था में होती है।
हडि्डयों में खोखलापन होने के लक्षण–
हडि्डयों में खोखलेपन के रोग से पीड़ित रोगी के पैरों तथा कमर में दर्द होने लगता है।
रोगी व्यक्ति की कमर झुक जाती है और उसे चलने-फिरने में परेशानी होने लगती है।
रोगी के कूल्हे की हड्डी कमजोर हो जाती है।
रोगी की मुड़ने या घूमने की शक्ति कम हो जाती है और कमर की मांसपेशियों में ऐंठन सी होने लगती है।
इस रोग से पीड़ित रोगी की हड्डी जरा सा ही झटके लगने से टूट जाती है।
हडि्डयों का खोखलापन होने का कारण–
जो व्यक्ति असंतुलित भोजन का सेवन करता है उसकी हडि्डयों में खोखलापन होना शुरू हो जाता है।
शरीर में कैल्शियम एवं विटामिन `डी´ की कमी हो जाने के कारण भी हडि्डयां खोखली हो जाती हैं।
40 उम्र से ऊपर की स्त्रियों का जब मासिकस्राव बंद हो जाता है तो उनकी हडि्डयां खोखली हो जाती हैं।
हडि्डयों में खोखलापन हो जाने पर प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार–
इस रोग से पीड़ित रोगी को 1 सप्ताह तक फलों तथा सब्जियों का रस पीना चाहिए तथा भोजन में अधिक से अधिक फलों का सेवन करना चाहिए।
रोगी व्यक्ति को संतुलित आहार (भोजन) का सेवन करना चाहिए।
सफेद तिलों का दूध रोगी व्यक्ति को प्रतिदिन पिलाने से कुछ ही दिनों में हडि्डयों में खोखलेपन का रोग ठीक हो जाता है।
हडि्डयों में खोखलेपन से पीड़ित रोगी यदि प्रतिदिन काष्ठज फल का सेवन करता है तो उसका यह रोग ठीक हो जाता है।
इस रोग से पीड़ित रोगी को तला-भुना, दूषित भोजन, चीनी, मिठाई तथा मैदा आदि नहीं खाने चाहिए।
इस रोग से पीड़ित रोगी को सबसे पहले अपने पेट को साफ करने के लिए एनिमा क्रिया करनी चाहिए तथा नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए। इससे कुछ ही दिनों में हडि्डयों में खोखलेपन का रोग ठीक हो जाता है।