रतालू
रतालू का पत्ता देखने में सुंदर परंतु हाथ लगाने पर खुरदरा होता है ।
लाभ तथा गुण
मंदगिनी रोग का रतालू द्वारा उपचार – रतालू एक किलो लेकर उसे छीलकर छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें । इसके पश्चात उन्हें पानी में डालकर उबाल लें । जब उबल जाएं तो नीचे उतार कर आटे की भांति मसलें ।
आधा किलो गाय का घी लेकर, कड़ाही में डालकर आग पर रखें । उसमें एक किलो आटा भुन लें । जब आटा भुन जाए तो उस में रतालू का आटा भी मिला दें ।
अब इन दोनों को हलकी आंच पर भूनते हुए हिलाते रहें । जब इनका रंग बादामी हो जाए तो उसमें 1 ½ किलो शकर मिला दें । अब काली मिर्च, तज, सोंठ, बादाम, छोटी पीपरी, सब 50-50 ग्राम लेकर उन्हें कूट-पीसकर कड़ाही में डालकर अच्छी तरह से मिला दें । इसके पश्चात् उनके लड्डू बना दें ।
एक-एक लड्डू प्रतिदिन खाने से मंदाग्नि रोग शांत हो जाता है । इसके साथ-साथ शीत वाट-विकार भी दूर हो जाते हैं ।
Yam
Yam leaf is beautiful to look at but not to touch the rough.
Advantages and Properties
Mandgini disease treatment by yam – a kilo of yam cut into small pieces and peel. Boil them in water afterwards. If you go down to the boiling and smashed like flour.
One pound of cow ghee, frying pan, put it in the fire. Let it roast a pound of flour. If the dough roast yam flour in the mix too.
Now these two were lightly roasted on low and keep stirring. If things go when they buff the 1 ½ kg sugar mix. Now pepper, cinnamon, ginger, almonds, small Peepri, all pseudo-grinding them in a pan, add 50-50 grams and mix well. Then they make it sweet.
One sweet day indigestion from eating disease goes down. Along with this disorder are cured cold watt.