कुछ उपाय : हृदय रोग पर नियंत्रण के
हार्ट ट्रबल, हृदय रोग, इसकी सम्भावना से भी बचना चाहिए | हाँ, थोडा प्रयत्न तो करना ही चाहिए | यदि कोई कहे कि हार्ट अटैक जानलेवा रोग है, किन्तु उसे यह भी मानना होगा कि इस पर नियंत्रण करना असंभव नही है | भोजन का सही चुनाव करके, रहन सहन में बदलाव करके, इस रोग से बचाया जा सकता है |
- जिस व्यक्ति का रक्तचाप ठीक है, उसे दिल का रोग नही होता | रेशे प्रधान खान पान होने से इस रोग से बचना संभव है | चोकर भी जरुर खाएँ |
- जई का भूसा, आटे में चोकर, रसेदार फल अधिक लें |
- प्रातः खाली पेट आधा चम्मच लहसुन का रस नियमित ले | इसके सेवेन से रक्तविहीन नाड़ियों का फलाव होकर रक्त प्रवाह ठीक हो जाता है |
- लहसुन का रस दिल और दिमाग में बने दबाव को कम करता है |
- ह्रदय रोगी लहसुन खाए तो यह रक्त को गाढ़ा नही होने देगा |
- ह्रदय रोगी को सोयाबीन या उसका दूध या सोयाबीन से बना पनीर आदि जरुर लेना चाहिए | इसकी खूबी है की बढिया तथा उच्कोटी क्ले कौलास्तरोल में वृद्धि करता है तथा हीन श्रेणी के कोलस्ट्रोल को कम करता है | यदि ऐसा ही पता है तो रोग नियन्त्रण में आएगा ही |
- प्याज रक्त को गाढ़ा होने से रोकता है | गाढ़ा रक्त को पतला कर देता है |
- उच्च कोलस्ट्रोल स्तर में सुधार लेने के लिए दो छोटे प्याजों का रस प्रतिदिन सेवेन करें | ह्रदय रोग ठीक होगा |
- अधिक वसा के कारण होने वाले विकारों पर भी प्याज काबू पाता है |
- बेचारे लहसुन और प्याज को इसलिए मत नकारे की उसकी दुर्गुंध बुरी लगती है| यह तो आपका अच्छा वैद है | जरुर अपनाएं |
- ऐसा रोगी नपक का प्रयोग अवश्य घटादे | वरना शरीर में पोटासियम व् ट्रेस एलिमेंट्स की कमी आ जाएगी | इससे कमजोरी बढ़ती है | ह्रदय रोग भी बढ़ता है |
- क्योंकि बात ह्रदय से जुडी है | अतः उपचार करने से पूर्व अपने चिक्त्सिक से अवश्य परामर्श करें |