Multiple uses of “Black Pepper (काली मिर्च)” in Ayurveda

काली मिर्च

संस्कृत नाम – मरिच, सित मरिच

kali mirchकाली मिर्च की तासीर गर्म तथा वायु रोगों को समाप्त करने वाली है | इसके बड़े-बड़े वृक्ष अधिकतर सागर-तट के आस-पास के क्षेत्रों में ही होते हैं |

आमतौर पर मिर्च एक लता के रूप में ही हमें मिलती है | मिर्च का पका फल लाल हो जाता है | इसे उतार कर सुखाने से यह फल काला हो जाता है |

  • काली मिर्च को हम दैनिक जीवन में दाल, सब्जियां तथा सलाद वगैरा में डालकर सेवन करते हैं जिससे कफ, वाट, स्वास, शूल कृमि, हृदय रोग जैसे अनेक रोग नाश हो जाते हैं |
  • गाय के दूध के साथ पिसी काली मिर्च प्रतिदिन सुबह के समय सेवन करने से अर्श रोग ठीक हो जाता है |
  • पुरानी खांसी से आराम मिलता है |
  • आखों के रोगो में काली मिर्च का चूर्ण चीनी में मिलाकर सेवन करें, आराम मिलेगा |
  • फोड़े-फुंसियों में काली मिर्च का लेप अधिक उपयोगी माना गया है |

Black Pepper

 

kali mirchCharacteristics of black pepper is hot and the air that ended diseases | Most of the big tree near the sea shore areas are in the same.

Usually the same as pepper vine joins us . The ripe fruit is red pepper. The fruit turns black it from drying off.

  • In daily life we pepper lentils, vegetables and eat it with a salad like that the cuff, Watt, breath, colic worm, many diseases such as heart disease are destroyed.
  • Ground pepper with cow’s milk intake every day in the morning cures piles.
  • It provides relief from chronic cough.
  • Diseases of the eyes in the black pepper powder mixed with sugar drink, to relax.
  • Eruptions pepper paste is considered more useful.

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