विषखपरा
विषखपरा का पौधा बहुत छोटे कद का होता है । यह अक्सर जमीन पर फैलने पर क्षुप हैं । इस पर गुलाबी रंग के फुल खिलते हैं । इसकी जड़ सफेद रंग की तथा मोटी होती है । यह तीन रंगों में जन्म लेती है ।
1. काला, 2.सफेद, लाल
इनमें से लाल रंग का विषखपरा अधिक पैदा होता है । यह बात ध्यान रहे कि इसमें से लाल रंग का ही अधिक गुणकारी माना जाता है ।
गुण तथा लाभ
खुनी बवासीर
विषखपरा की जड़ और हल्दी का काढ़ा बनाकर एक मास तक पीने से बवासीर रोग ठीक हो जाता है ।
आंख रोगों के लिए
विषखपरा की जड़ और इसी की शाल को घिसकर लगाने से आंख के फुले ठीक हो जाते हैं ।
यदि आंखों से आंसू अधिक निकलते हों तो शहद में घिस कर लगाएं ।
पहले हरें घिसें फिर विषखपरा इन दोनों को आंख में लगाने से आंखों के फुले ठीक हो जाते हैं ।
विषखपरा की जड़ दूध में पीसकर पीने से या पान में डालकर खाने से चौथे दिन आने वाला बुखार ठीक हो जाता है ।
Viskhpra
Viskpra plant is much shorter. It is often spread on the ground that the hazel. The full bloom of pink. Its root is white and thick. It is born in three colors.
1. Black, 2ksfed, red
Viskpra is born more of these red. Mind it, the more it is considered healthier than red.
Properties and Advantages
Bloody piles
Viskpra decoction of turmeric root and one month’s drinking cures hemorrhoids.
Eye diseases
Grind the root of the corresponding figure of Viskpra shawl Phule eye heal.
If the tears honey depreciated Find out more.
Viskpra would apply both in the eye again before putting green eyes Phule recover.
Grind Viskpra drinking milk or drink it in the root of the fourth day, the fever is cured by eating.