Medicinal use of Harfarevdi “हारफारेवडी” in Stomach Disease and Digestive Disease

हारफारेवडी

हारफारेवड़ी का पौधा देखने में बड़ा सुंदर होता है । इसका जन्म प्रकृतिक रूप से मैदानी क्षेत्रों तथा पहाड़ी के आसपास के खुले क्षेत्र में प्राकृतिक रूप से होता है । इसके पत्ते तीखे, लंबे कम चौड़े होते हैं, जिनका आकार कसौदी के पत्तों जैसा होता है ।

गुण तथा लाभ

हारफारेवड़ी का फल तथा पत्ते सब के सब ही गुणकारी हैं । विशेष रूप से दिल के रोगियों के लिए यह अधिक लाभकारी माना गया है ।

रोग उपचार

पेचिश रोगों में

हारफारेवड़ी के वृक्ष की छाल या फल के रस में काली मिर्च बेल की पत्ती और लौंग इन सबको एकसाथ कूट-पीसकर छान लें । इस चूर्ण का एक-एक चम्मच दिन में तीन बार ठंडे पानी के साथ सेवन करने से पेट के सब रोग ठीक हो जाएंगा ।

पित्ती उछलने पर

हारफारेबड़ी की पत्तियों का रस अथवा फल का रस लेकर काली मिर्च को पीसकर मिलाकर लगाने से शीघ्र आराम होगा ।

नासूर

हारफारेबड़ी का रस, इमली की छाल का रस तथा गाय का घी इन सब को मिलाकर एक सप्ताह तक सेवन करने से रोगी ठीक होगा । नासूर जड़ से चला जाएगा ।

 

Harfarevdi

Harfarevdi plant is very beautiful to see. The natural birth and the plains around the mountain is naturally in the open field. Its leaves sharp, long less wide, which are shaped like leaves are Ksudi.

Properties and Advantages

All of the fruits and leaves are very beneficial Harfarevdi. It is especially beneficial for heart patients has been considered.

Disease Treatment

Dysentery diseases

Harfarevdi bark or fruit juice, pepper vine leaf and cloves Mix them all together and pseudo-ground. One teaspoon of this powder with cold water three times a day to cure all diseases of the stomach by taking Jaanga.

Hives bounce

Harfarebri leaves juice or fruit juice will ease soon putting together ground pepper.

Canker

Harfarebri juice, tamarind juice and cow ghee bark all together by taking a week to recover. Canker would run from the root.

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