अजमुद
अजमुद का बोटैनिकल नाम कैरम राक्स बिठरनियनम है | संस्कृत में इसे अजमुद तथा हिंदी में इसे अजमूदिया या अजमूत कहते हैं | यह पौधा भारत में सब जगह मिलता है, विशेष रूप से हिमालय की पहाडियों तथा पशिचमी घाट पर |
यह अजवायन के पौधे जैसा ही होता है | इसके बीज गोल तथा हरापन लिए होते हैं |
अजमुद का प्रयोग पेट व् पाचन क्रिया ठीक करने वाली औषधियों में किया जाता है | अजमूद के बीजों के चूर्ण को दो मिग्रा. मात्रा में खाने से अपच, अफारा तथा हैजे के रोगों से निदान हो सकता है | बहुत से लोग अजमूद की जड़ को चाय की तरह पानी में उबाल कर और उसमें दूध मिलाकर पीते हैं | गठिया जैसे रोगों में भी इसके बीजों का प्रयोग पुराने समय से चला आ रहा है |