मांसपेशियों तथा शरीर के ढांचे सम्बन्धी कुछ रोग
(Diseases related to muscle and body structure)
परिचय:-
बहुत से मनुष्य शरीर से देखने में तो ठीक तथा स्वस्थ दिखाई देते हैं लेकिन उन व्यक्तियों को कभी न कभी शरीर के किसी भाग में दर्द जरूर होता है। स्वस्थ व्यक्ति को अपने स्वस्थ रहने पर गर्व होता है, वे व्यक्ति स्वीकार करते हैं कि उन्हें कई बार किसी स्पष्ट कारणों से उनके अंगों में दर्द होता है तथा जोड़ अकड़ जाते हैं तथा मांसपेशियों में ऐंठन सी हो जाती है।
दूसरे और भी प्रकार के रोग हैं जिनकी शिकायत बहुत अधिक देखने को मिलती है। लेकिन आज के समय में जोड़ों में तथा मांसपेशियों में दर्द की शिकायत अधिक देखने को मिलती है। कभी मांसपेशियों में अकड़न होने के कारण दर्द बहुत ही गम्भीर रोग का कारण बन सकता है।
मांसपेशियों तथा शरीर के ढांचे सम्बन्धी कुछ रोग इस प्रकार हैं–
मांसपेशियों में दर्द।
जोड़ों में दर्द।
घुटने में दर्द।
उंगलियों में दर्द।
गठिया।
कमर में दर्द।
मांस पेशियों में सूजन।
मांसपेशियों में दर्द तथा अकड़न होने का कारण-
बहुत से स्वस्थ व्यक्ति जो अपने भारी सामान आदि को कुछ दूर तक ले जाते हैं तो इसके कारण उनकी कमर में दर्द होने लगता है।
कुछ व्यक्ति जो लिखने का कार्य करते हैं उनकी कलाई तथा उंगलियों के जोड़ में दर्द हो जाता है। अधिक देर तक लिखने का कार्य करने से यह दर्द हो जाता है।
जब बच्चे किताब तथा कापी को अपने बैग में लेकर कंधे पर टांगकर स्कूल जाते हैं तो भी उनकी कमर तथा मांसपेशियों में दर्द तथा अकड़न होने लगता है। कुछ व्यक्ति इस प्रकार के दर्द को गठिया समझ बैठते हैं। लेकिन वह गठिया नहीं होता है। यदि इसी प्रकार से कुछ दिनों तक लगतार बोझ उठाया जाए तो उसे गठिया रोग हो सकता है।
कमर की मांसपेशियों में दर्द तथा अकड़न होने का कारण रीढ़ की हड्डी में किसी प्रकार से दबाव पड़ने का कारण हो सकता है या फिर रीढ़ की हड्डी में किसी प्रकार के रोग होने के कारण।
यदि किसी व्यक्ति के उठने-बैठने का ढंग सही नहीं है या जो व्यक्ति रीढ़ की हड्डी का गलत तरीके से इस्तेमाल करता है। उन व्यक्तियों की मांसपेशियों तथा कमर में दर्द हो सकता है।
किसी तरह की दुर्घटना होने पर या किसी प्रकार से तेज चोट लग जाने के कारण भी मांसपेशियों में दर्द तथा अकड़न हो सकता है।
अधिक देर तक व्यायाम करने तथा बोझ उठाने के कारण भी शरीर की मांसपेशियों में दर्द तथा अकड़न हो सकती है।
मांसपेशियों तथा शरीर के ढांचे सम्बन्धी कुछ रोगों का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार–
मांसपेशियों तथा शरीर के ढांचे सम्बन्धी कुछ रोगों को ठीक करने के लिए रोगी व्यक्ति को सबसे पहले इस रोग के होने वाले कारणों को दूर करना चाहिए जैसे- रोगी व्यक्ति को सही तरीके से बैठने-उठने का कार्य करना चाहिए तथा वजन उठाने वाले सभी कार्यों को बंद कर देना चाहिए। फिर इसके बाद रोग का उपचार प्राकृतिक चिकित्सा से करना चाहिए।
यदि रोगी व्यक्ति को बहुत समय तक खड़े होने के कारण यह रोग हुआ है तो उस व्यक्ति को यह कार्य तुरंत बंद कर देना चाहिए। यदि खड़ा होना भी है तो रोगी व्यक्ति को खड़े होने पर अपने दोनों पैरों पर वजन अदल-बदल कर देना चाहिए तथा प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार कराना चाहिए।
मांसपेशियों तथा शरीर के ढांचे सम्बन्धी रोगों को ठीक करने के लिए रोगी को चाहिए कि गर्म पानी को किसी थैली में भरकर उससे दर्द तथा अकड़न वाले भागों पर सिंकाई करे। इस प्रकार से उपचार करने से मांसपेशियों तथा शरीर के ढांचे सम्बन्धी रोग ठीक हो जाते हैं।
इन रोगों को ठीक करने के लिए गर्म पट्टी के द्वारा सिंकाई कर सकते हैं जिसको करने से कई प्रकार के रोग जो मांसपेशियों तथा शरीर के ढांचे सम्बन्धित होते हैं जल्दी ही ठीक हो जाते हैं।
मांसपेशियों तथा शरीर के ढांचे सम्बन्धी रोगों से पीड़ित व्यक्ति को गर्म तथा ठंडे पानी से स्नान कराना चाहिए जिसके फलस्वरूप यह रोग ठीक हो जाता है।
मांसपेशियों तथा शरीर के ढांचे सम्बन्धी रोगों को ठीक करने के लिए कई प्रकार के आसन हैं जिनको करने से ये सभी रोग जल्दी ही ठीक हो जाते है ये आसन इस प्रकार है- पवनमुक्तासन, धनुरासन, पश्चिमोत्तानासन, पर्वतासन तथा भुजंगासन आदि।
मांसपेशियों तथा शरीर के ढांचे सम्बन्धी रोगों को ठीक करने के लिए गेहूं की घास का रस लगभग 25 दिनों तक प्रतिदिन सुबह तथा शाम को खाली पेट पीना चाहिए। जिसके फलस्वरूप ये रोग ठीक हो जाते हैं।
गाजर, खीरा तथा शलजम का रस बराबर मात्रा में मिलाकर कम से कम 25 दिनों तक सेवन करने से मांसपेशियों तथा शरीर के ढांचे सम्बन्धी रोग ठीक हो जाते हैं।
कच्चे आलू को पीसकर लेप बना लें, इसके बाद इस लेप को जोड़ों पर लगा लें। इसके बाद इसे एक कपड़े के टुकड़े से ढक दें और 2 घंटे तक ऐसे ही रहने दें। इस प्रकार से प्राकृतिक चिकित्सा के द्वारा उपचार करने से ये रोग ठीक हो जाते हैं।
यदि जोड़ों में किसी प्रकार से सूजन हो गई हो तो इसके उपचार के लिए कुछ व्यायाम है जिनको करने से कई प्रकार के रोग ठीक हो जाते हैं-
शरीर में भाग
व्यायाम के द्वारा उपचार
गर्दन
रोगी व्यक्ति को अपनी गर्दन को घड़ी की दिशा में घुमाना चाहिए तथा फिर घड़ी की विपरीत दिशा में घुमाना चाहिए। इस प्रकार से उपचार कम से कम 15 बार करना चाहिए।
रीढ़ की हड्डी
व्यक्ति को अपनी रीढ़ की हड्डी को लम्बाई में फैलाना चाहिए तथा इसके बाद रीढ़ की हड्डी को पीछे तथा आगे की ओर झुकाना चाहिए।
कंधे
रोगी व्यक्ति को अपने कंधे को ऊपर से नीचे की ओर तथा साइड़ों में फैलाना चाहिए तथा इस क्रिया को कई बार दोहराना चाहिए।
चक्र
रोगी को अपने शरीर के चक्र को घड़ी के अनुसार तथा घड़ी की विपरीत दिशा में घुमाना चाहिए।
हाथ की भुजाएं
रोगी को हाथ की भुजाएं आगे की ओर फैलानी चाहिए तथा उसे ऊपर से नीचे की ओर करना चाहिए और इस क्रिया को कई बार दोहराना चाहिए।
हाथ की भुजाओं को घुमाना
हाथ की भुजाओं को घड़ी की दिशा में घुमाना चाहिए तथा फिर उसे विपरीत दिशा मे घुमाना चाहिए।
हाथ की भुजाओं से क्रास करना
रोगी व्यक्ति को अपनी भुजाओं को छाती पर क्रास के समान लगाना चाहिए। फिर एक भुजा से क्रास करना चाहिए और एक सीधी रेखा में रखना चाहिए और फिर अपने कान को पकड़ना चाहिए। इस क्रिया को प्रतिदिन कम से कम 2 बार दोहराना चाहिए।
कोहनियां
रोगी व्यक्ति को अपनी कोहनी को आगे तथा पीछे की ओर करना चाहिए।
कलाई
व्यक्ति को अपनी कलाई को घड़ी की दिशा में घुमाना चाहिए तथा इसके बाद घड़ी की विपरीत दिशा में घुमाना चाहिए।
उंगुलियां
व्यक्ति को अपने हाथ की उंगुलियों को कई बार खोलना तथा बंद करना चाहिए। इसके बाद अपनी उंगलियों को फैलाना चाहिए।
घुटने
रोगी व्यक्ति को अपने घुटनों को मोड़ना तथा फैलाना चाहिए।
घुटने को उठाना
रोगी व्यक्ति को खड़े होकर अपने घुटने को ऊपर की ओर उठाना चाहिए।
बैठना
रोगी व्यक्ति को जब भी बैठना हो तब उसे अपनी टांगों को क्रास करके बैठना चाहिए।
टखने तथा अंगूठे
रोगी व्यक्ति को अपने टखने तथा अंगूठे को घुमाना, मोड़ना तथा फैलाना चाहिए।
मांसपेशियों तथा शरीर के ढांचे सम्बन्धी रोग हो गए हो तो उन व्यक्तियों को लहसुन तथा सरसों के तेल को बराबर मात्रा में लेकर मिला लेना चाहिए। इसके बाद इस तेल से जोड़ों की मालिश कुछ दिनों तक करने से ये रोग ठीक हो जाते हैं।
मांसपेशियों तथा शरीर के ढांचे सम्बन्धी रोगों को ठीक करने के लिए सबसे पहले शरीर में संचित यूरिक एसिड को घुलाकर शरीर से बाहर निकालने वाले पदार्थ जैसे- पोटेशियम प्रधान खाद्य पदार्थ लौकी, तरबूज, ककड़ी, खीरा, पत्तागोभी, पालक, सफेद पेठा आदि के रस को प्रतिदिन पीना चाहिए और फिर उपवास रखना चाहिए।
मांसपेशियों तथा शरीर के ढांचे सम्बन्धी रोगों को ठीक करने के लिए पीड़ित रोगी को रात के समय में 2-3 अंजीर तथा 10 मुनक्का तथा 1 खुबानी को भिगोने के लिए रख दें और सुबह के समय में उठकर इसे खा लें।
मांसपेशियों तथा शरीर के ढांचे सम्बन्धी रोगों को ठीक करने के लिए पीड़ित रोगी को अदरक तथा तुलसी का रस हल्का गर्म पानी में डालकर पीना चाहिए। यह रोगी के लिए बहुत अधिक लाभदायक होता है।
मांसपेशियों तथा शरीर के ढांचे सम्बन्धी रोगों को ठीक करने के लिए पीड़ित रोगी यदि प्रतिदिन सुबह के समय में लगभग 240 मिलीलीटर सूर्यतप्त के द्वारा बनाया गया हरी बोतल का पानी पिये और गठिया रोग से प्रभावित भाग पर इस जल को लगाए तो उसके ये रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाते हैं।
मांसपेशियों तथा शरीर के ढांचे सम्बन्धी रोगों को ठीक करने के लिए पीड़ित रोगी को कटिस्नान, मेहनस्नान, धूपस्नान तथा भापस्नान कराना चाहिए और इसके बाद शरीर पर सूखा घर्षण (सूखे तौलिये से शरीर को पोछना) करना चाहिए।
मांसपेशियों तथा शरीर के किसी भाग पर किसी कारण से जो सूजन पड़ गई हो तो उस पर बर्फ के ठंडे पानी की पट्टी करने से सूजन कम हो जाती है और रोगी को इस रोग की वजह से जो दर्द होता है वह कम हो जाता है।
इस रोग को ठीक करने के लिए कई आसन हैं जिन्हें प्रतिदिन करने से यह रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है ये आसन इस प्रकार हैं- पद्मासन, वज्रासन, उज्जायी, सूर्यभेदी प्राणायाम, भस्त्रिका-नाड़ीशोधन, सिद्धासन, गोमुखासन, गोरक्षासन, सिंहासन तथा भुजंगासन आदि।
मांसपेशियों तथा शरीर के ढांचे सम्बन्धी रोगों से पीड़ित व्यक्ति को अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए और प्राकृतिक चिकित्सा के द्वारा उपचार कराना चाहिए।