तालु में खुश्की व फुन्सी
Dryness and pimples on the mouth palate
Dryness/Pimple on the Roof of Mouth- Symptoms, Reasons, Causes
परिचय:-
इस रोग के कारण रोगी के मुंह के तालु के अंदर खुश्की तथा फुंसियां हो जाती हैं। इसके कारण रोगी व्यक्ति को किसी चीज को खाने तथा पीने में बहुत अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है।
तालु में खुश्की व फुन्सी का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार–
तालु में खुश्की व फुन्सी से पीड़ित रोगी को उपचार के लिए कुछ दिनों तक उपवास रखना चाहिए। रोगी को उपवास के दौरान सिर्फ फलों के रस का सेवन भी करना चाहिए और एनिमा क्रिया के द्वारा पेट को साफ करना चाहिए। इसके बाद रोगी को 2 दिनों तक उदरस्नान करना चाहिए। रोगी को रात के समय में कमर पर भीगी पट्टी अथवा पेडू पर गीली मिट्टी लगानी चाहिए।
रोगी व्यक्ति को अपने पैरों को कुछ दिनों तक गरम पानी से धोना चाहिए।
रोगी को मुंह के अंदर तथा चेहरे पर भाप लेनी चाहिए तथा भाप लेते समय सिर पर ठंडे पानी से भीगा तौलिया रखना चाहिए। इस क्रिया को दिन में 3 बार करना चाहिए।
इस रोग से ग्रस्त रोगी को अधिक पानी का सेवन करना चाहिए।
तालु में खुश्की व फुन्सी से पीड़ित रोगी को सादा तथा जल्दी पचने वाले भोजन का सेवन करना चाहिए।
नीली, पीली आसमानी तथा हरी बोतलों के सूर्यतप्त जल को समान मात्रा में मिलाकर, लगभग 29 ग्राम की मात्रा में लेकर रोगी व्यक्ति को प्रतिदिन दिन में 6 बार पिलाना चाहिए। फिर इसके बाद गहरी नीली तथा हरी बोतल के पानी को समान मात्रा में मिलाकर दिन में लगभग 30 मिनट के लिए रोगी को कुल्ला करना चाहिए। जिसके फलस्वरूप यह रोग कुछ ही समय में ठीक हो जाता है।