कोलाइटिस (Colitis)
Colitis-Symptoms, Reasons, Causes
परिचय:-
बृहदांत्र पाचन-क्रिया में शामिल अंग पानी को सोखने तथा अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने के लिए उत्तरदायी हैं। इसके कार्य को सही तरीके से चलाने के लिए ऐसे पदार्थों की आवश्यकता होती है जिसमें पानी की मात्रा अधिक हो तथा ऐसा भोजन जिसमें रेशेदार पदार्थ कम होते हों। रेशेदार पदार्थ इसकी कार्य क्रिया में दबाव डालते हैं। जब इसकी कार्य क्रिया में बाधा उत्पन्न होती है तो कई सारी बीमारियां उत्पन्न हो जाती हैं जैसे-दस्त, कब्ज तथा पेट में दर्द आदि।
इसकी कार्य क्रिया में बाधा उत्पन्न होने के कारण कभी-कभी इसमें सूजन आ जाती है जिसको कोलाइटिस (बृहदांत्रशोथ) कहते हैं। यह रोग 2 प्रकार का होता है- व्रणीय तथा श्लेष्मक। कोलाइटिस रोग किसी को भी हो सकता है। इस रोग से पीड़ित रोगी की श्लेष्मा झिल्ली में जलन होने लगती है तथा आंतों में सूजन आ जाती है। इस रोग से पीड़ित रोगी जब मलत्याग करता है तो उसके मल में खून तथा बलगम जैसे पदार्थ निकलने लगते हैं। इस रोग के कारण रोगी व्यक्ति का वजन दिन प्रति दिन कम होने लगता है।
कोलाइटिस रोग का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार:-
कोलाइटिस रोग का उपचार करने के लिए रोगी व्यक्ति को कम से कम 3 से 6 महीने तक वह भोजन करना चाहिए जिससे पाचनक्रिया में दबाव न पड़े। इसलिए रोगी व्यक्ति को वह भोजन करना चाहिए जो जल्दी से पचनेवाला हो तथा भारी न हो।
कोलाइटिस रोग से पीड़ित रोगी को उबली हुई सब्जियां, दाल, चावल, पपीते तथा केले आदि का सेवन करना चाहिए।
कोलाइटिस रोग से पीड़ित रोगी को कच्चे नारियल का पानी प्रतिदिन सुबह तथा शाम को पीना चाहिए। यह बहुत ही लाभकारी होता है।
कोलाइटिस रोग से पीड़ित रोगी को प्रतिदिन अपने पेट पर कम से कम 3 बार गीली मिट्टी की पट्टी करनी चाहिए और यह क्रिया कम से कम 2-3 महीने तक लगातार करनी चाहिए। जिसके फलस्वरूप कोलाइटिस रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है।
रोगी व्यक्ति को प्रतिदिन अधिक मात्रा में पानी पीना चाहिए तथा ऐसा व्यायाम करना चाहिए जिससे शरीर फुर्तीला होता है।
कोलाइटिस रोग से पीड़ित रोगी को पानी में मट्ठे को मिलाकर एनिमा क्रिया प्रतिदिन करना चाहिए ताकि पेट साफ हो सके और कोलाइटिस रोग जल्दी ठीक हो सके।
जानकारी-
इस प्रकार से प्रतिदिन कोलाइटिस रोग का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार करने से कोलाइटिस रोग कुछ ही महीनों में पूरी तरह से ठीक हो जाता है।