Herbal Home remedies for Eye Diseases,”Night Blindness”,”Rataundhi ka Ilaj”Symptoms, Reasons, Causes -“Herbal Treatment”

 रतौंधी 

Night Blindness-Symptoms, Reasons, Causes

          रतौंधी एक ऐसा रोग है कि जिसमें रोगी को रात होने के बाद दिखाई देना बंद हो जाता है। इसमें सूरज के डूबने के बाद धीरे-धीरे अंधेरा बढ़ते ही आंखों की रोशनी कम होती जाती है। इस रोग का प्रमुख कारण हमारे आहार में पोषक तत्वों और विटामिन `ए´ की कमी होती है तथा यह अन्य कारणों से जैसे अधिक तेज धूप में सूर्य को देखना तथा विभिन्न रोगों के कारण हुई कमजोरी का प्रभाव आदि कारणों से भी हो जाता है। रतौंधी से पीड़ित व्यक्ति को दिन के समय में भी देखने में अधिक कठिनाई का अनुभव होता है। रतौंधी से पीड़ित रोगी की आंखें सूख जाती हैं या आंखों में पानी बहना आदि समस्याएं उत्पन्न होती हैं।

सूर्य चिकित्सा द्वारा रतौंधी की प्राकृतिक चिकित्सा:

          रतौंधी की प्राकृतिक चिकित्सा के लिए सूर्य किरण और रंग चिकित्सा के द्वारा हरे रंग की बोतल के पानी को सूर्य के प्रकाश में गर्म करके दिन में कम से कम चार बार आंखों को धोना चाहिए। इसके साथ ही हरे रंग की बोतल में गुलाबजल को भरकर सूर्य चार्ज कर लेना चाहिए। गुलाबजल के इस पानी को सुबह-शाम तीन-चार बार आंखों में डालना चाहिए। रतौंधी के इलाज के लिए सुबह के समय सूर्य निकलने से दो घंटे के अन्दर हरे रंग के सैलोफिन कागज की चार परत बनाकर आंखें बंद करके सूर्य की रोशनी 15-20 मिनट तक देनी चाहिए। इसके साथ ही हरे रंग के सैलोफिन कागज (फलों के टोकरी के ऊपर लगायी जाने वाली झिल्ली) की 15-16 परत बनाकर आंखे खोलकर कम से कम 10-15 मिनट तक सूर्य की रोशनी को आंखों पर डालना चाहिए। हरे रंग के सैलीफोन कागज की 15-16 परते इसलिए बनानी हैं कि सूर्य की किरणें धीमी हो जाएं। सूर्य की किरणें चकाचौंध करने वाली नहीं होनी चाहिए। यह प्राकृतिक इलाज 4-6 महीने तक करना चाहिए। इससे रतौंधी का रोग ठीक हो जाता है तथा इस प्रक्रिया का हमारी आंखों पर कोई भी दुष्प्रभाव नहीं होता है।

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.