रोगों से बचाती है घरेलू औषधियाँ
वह व्यक्ति भाग्यशाली होता है जिसे रोग नहीं घेरते | जो स्वस्थ रहकर अपनी जिंदगी का आनंद लेता है | किसी को भी रोग हो ही न तो अच्छा | यदि हो भी जाए तो उनसे छुटकारा पाने के लिए अपने डॉक्टर आप बनें | छोटे छोटे रोगों को प्राक्रतिक उपायों से दूर करना कठिन नही है | जरुर है इन्हें जानने और आजमाने की |
- कनपटी में दर्द होने पर इसे ठीक करने के लिए घी में लॉन्ग घिसें | कनपटी पर मलें | आराम प् लेंगें | लौंग की जगह बादाम हो तो भी दर्द नहीं रहेगा |
- यदि चेचक निकलने के लक्ष्ण हो और आप नहीं चाहते की यह निकले, ऐसे में बहेड़े की गुठली लें | इसे भुजा में बांधे | खतरा टल जाएगा |
- कहीं भी चोट लग जाए, दर्द हो, आराम न मिले, तो इसके लिए तारपीन में रूई भिगोएँ और चोट वाले स्थान पर बांध दें | आराम अत जाएगा |
- यदि अक्सर हिचकी अति हो तो सुखा निम्बू जलाएं | इसकी राख लें | इसे शहद में मिलाकर रोगी चाट लें |
- यदि किसी को भी पित्त से बड़ी परेशानी रहती हो तो चिरोंजी को दूध में पीएं | बदन पर मालिश करें |
- दाद खाज खुजली जैसी तकलीफ होने पर एक चुटकी राई लेकर आधा चम्मच घी में रगड़ें | इसे दाद में पीड़ित स्थान पर लगाएं | दिन में तीन बार इसे लगाते रहें |
- सर दर्द तो या माथा दर्द डॉ रहा हो, भी में बादाम को घिसें | इसे माथे पर लगाएं | आराम मिलेगा |
- यदि कोई जुकाम से परेशान रहता हो तो पीपल के पत्तो का रस निकालें | शहद में मिलाकर चाटें | प्रात सायं दिन में दो बार लें | दो ही दिनों में आराम मिलेगा |
- प्रस्तुती में अधिक तकलीफ हो जाने पर नाभि और उपस्थ के बीच के भाग पर धीरे धीरे मालिश करें | इस स्थान को पेडू भी कहते है | प्रस्तुती आराम से होगी | किंतु इसे बिना चिक्तिसक या धाय के, स्वयं न करें |
- बालो को मुलायम, चमकदार तथा घने चाहती है तो सिककई तथा सुखा आव्लें समान मात्र में लेने होंगें | एक लीटर पानी में भिगो दें | इस पानी से प्रातः सर धोएं | हर तीसरे दिन सात बार दोहराएँ |
इन सबको अपनाकर रोग छुट सकते है |