ग्वारपाठा
इसका पौधा अधिकतर खुले मैदानी क्षेत्रों तथा जंगलों में प्राकृतिक रूप से जन्म लेता है । इसके लंबे-लंबे पत्ते होते हैं ।
रोग तथा उपचार
नेत्र रोगों में उपयोगी
ग्वारपाठा का अर्क निकालकर अथवा बाजार में किसी वैद्द की दुकान से लाकर रात को सोते समय आंख में डालते रहने से आंखों के हर प्रकार के रोग दूर हो जाते हैं ।
पित्त विकार तथा खांसी
ऐसे सब रोगियों को ग्वारपाठा के गुदे का हलवा बनाकर दोनों समय खिलाएं तो रोगों से मुक्ति मिलेगी । इसके साथ साथ पेट के रोगों को ठीक कर भूख को भी बढ़ाएगा ।
तिल्ली रोग
पाठा कर अर्क, अजवायन में भिगोकर खाने से तिल्ली रोग एक मास के अंदर गायब हो जाता है ।
कान दर्द के लिए
पाठा का अर्क उस कान में एक-एक बूंद इन में तीन बार डालें जिसमें दर्द होता है । बस कुछ दिनों में ही दर्द ठीक हो जाएगा ।
वादी रोगों से मुक्ति
आंवला-हल्दी और ग्वारपाठा इस सबजो मिलाकर पीस लें । थोड़ा-सा पानी मिलाकर रात को सोते समय आंखों के चारों और लेप लगाएं । सुबह उठकर उसे साफ करें । दो-तीन दिन में वादी रोग की आंखें ठीक हो जाएंगी ।
Aloe Vera
The plant mostly in open plains and forests is born naturally. The leaves are long,.
Disease and Treatment
Useful in eye diseases
Or take extracts of Aloe Vera in the market by bringing Vaidya store to put the eyes at bedtime every type of eye disease are cured.
Gall disorders and cough
Mude Qi pudding made of Aloe Vera that all patients have both diseases will be released from time feed. In addition to healing stomach also increase appetite.
Spleen disease
By velvet extracts, parsley dipped in eating spleen disease disappears within a month.
Ear pain
Velvet leaf extract three times in the ear drop containing the pain. Just a few days the pain will be fine.
Pursuer of diseases
Aloe Vera, turmeric and Amla Grind the Sbjo. Mix some water and a paste around the eyes at bedtime. Clean him up in the morning. Plaintiffs in two-three days, the eyes of the disease will be cured.