ओंगा लाल डंडी का
ओंगा दो प्रकार का होता है | सफेद ओंगा तथा लाल ओंगा दोनों पर ही लाल और सफेद रंग के फुल आते हैं अर्थात् इन की पहचान फूलों के रंग के कारण ही होती है | इन दोनों के गुण भी एक-जैसा होते हैं | प्रकृति की इस लीला को मानव शायद ही समझ पायेगा कि एक ही प्रकार के दो पौधों के फल अलग-अलग रंगों के क्यों होते हैं |
गुण तथा लाभ
ओंगा के पौधे से अनेक लाभ उठाए जा सकते हैं |
ओंगा की दातुन प्रतिदिन सुबह के समय उठकर करने से दातों के सारे रोग ठीक हो जाते हैं | बुद्धि भी तीव्र होती है | मंद्बुधि वालों को इसकी दातुन रोज करना चाहिए |
दमा तथा खांसी रोग
लाल ओंगा की लकड़ी की राख को पानी में घोलकर कड़ाही में डाल हल्की आंच पर पकाएं | जब पानी जल जाए तो उसे नीचे उतार लें | ठंडा होने पर सुखी खांसी के रोगी को पान में रखकर खिलाने से दस दिन के सेवन से खांसी जड़ से ठीक हो जाती है |
दमा के रोगियों के लिए आधा चम्मच शहद और आधा चम्मच ओंगा की तली हुई राख दो समय खाते रहने से दम रोग से मुक्ति मिले |
Adolescence red straw
Adolescence is of two kinds. White adolescence and adolescence, both red and white on red are full because of the color of the flowers is to identify these. These two properties are identical. The Leela will understand human nature that hardly two plants of the same type of fruit Why are different colors.
Properties and Advantages
Many plants can be taken advantage of adolescence.
Datun adolescence daily brushing to get up in the morning all diseases are cured | Wisdom is too intense. Those should Mndbudi its Datun day.
Asthma and cough disease
Red adolescence wood ashes dissolved in water and pour into the pan and cook over moderate heat. Take him down the water when burned. Dry cough in patients with pan on cooling feeding intake of ten days from the root cures cough.
Half a teaspoon of honey and half a teaspoon of asthma for patients adolescence Eating fried ash two time MET own cure.