सेवती
संस्कृत नाम – तरुगी, शत्रपत्री कुब्ज हिंदी – सदागुलाब, सेवती, गुलोचगुणता
सेवती की वृक्ष छोटे कद का तथा सुंदर होता है |
इसके फल अथवा फुल को सूंघने से मस्तिष्क को पूर्ण शांति मिलती है | हृदय की जलन को दूर करने के लिए भी इसका सेवन अधिक अच्छा माना गया है; शरीर और माथे की गर्मी दूर करने के लिए
सेवती के फल 10 ग्राम सफ़ेद इलायची 4 दाने
काली मिर्च 7 ग्राम मिश्री 10 ग्राम
इन सब को घोट-पीसकर रस निकल लें | इसे 15 दिन तक सेवन करने से सब दुःख दूर हो जाते हैं | विशेष रूप से जिनके मस्तिष्क कमजोर हैं उनके लिए अधिक लाभदायक है |