गुलाब
संस्कृत नाम – तरुणी, श्यमत्री, दुब्जक
गुलाब का पौधा भी छोटा ही होता है | फूलों का राजा कहा जाने वाला गुलाब का फुल सबके ही मन को भाता है | इसकी गंध मन को प्रसन्न कर देती है, दिमाग को ताजा बनाकर उसकी थकान दूर कर देती है |
- गुलाब के फूलों से बनने वाली गुलकंद को रात को सोते समय, 250 ग्राम दूध के साथ सेवन करने से कब्ज रोग दूर हो जाता है |
- मस्तक पर गुलाबजल और चंदन को मिलाकर लगाने से सिरदर्द ठीक हो जाता है |
- गुलाबजल में फिटकरी को घोलकर दुखती आखों पर दिन में दो-तीन बार छींटे मारने से आंखें रोग-मुक्त हो जाती हैं |
- हृदय रोगियों को भी दिन में चार-पांच बार गुलाबजल का सेवन चाहिए | इससे दिल को काफी शांति मिलती है | साधारण हृदय रोग तीन-चार मास के गुलाब जल के सेवन से ठीक हो जाता है |