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बौनापन (Cretinism) 

Cretinism-Symptoms, Reasons, Causes

 

परिचय:-

बौनापन या छोटापन कोई रोग नहीं हैं। बहुत से व्यक्ति छोटे कद वाले होते हैं। उन्हें अपनी लम्बाई बढ़ाने की चाह तो होती है लेकिन वे किसी प्रकार से अपनी लम्बाई नहीं बढ़ा पाते हैं। क्योंकि मनुष्य की ऊंचाई के साथ उसके व्यक्तित्व का गहरा सम्बन्ध होता है।

बौना होने का कारण:-

 

हमारी रीढ़ की हडि्डयों के छोटे-छोटे 32 टुकड़े होते हैं जिन्हें कशेरुकाएं कहते हैं। ये टुकड़े आपस में एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं। इन कशेरुकाओं के बीच में मुलायम तंतुओं के गद्दे होते हैं। इन्हें उपास्थि कहते हैं। ये कशेरुकाएं रबड़ की तरह लचीली होती हैं। किसी कारण से जब इनमें रक्त (खून) संचारण नहीं होता है तो इनका विकास रुक जाता है जिसके कारण व्यक्ति का कद छोटा रह जाता है।

जब किसी व्यक्ति की रीढ़ पर गलत तरीके से बोझ पड़ने लगता है तो शरीर की हडि्डयों की झिल्लियों का लोच सिकुड़ जाता है, लेकिन आराम मिलने से या सही तरीके से बोझ पड़ने से वे अपने आप ही बढ़ जाती हैं। यदि रीढ़ की हड्डी कमान की तरह झुकाई न जाए और उठते-बैठते समय या फिर चलते-सोते समय सीधी रखी जाए तो मात्र कुछ ही दिनों में शरीर का कद बढ़ाया जा सकता है।

कद बढ़ाने के लिए प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार:-

ऊंचाई बढ़ाने के लिए सबसे पहले व्यक्ति को ऐसे भोजन का सेवन करना चाहिए, जो शरीर के खून को शुद्ध बना सके और शरीर के दूषित द्रव्य को पेशाब के द्वारा बाहर कर सके। इसलिए रोगी व्यक्ति को अपने भोजन में फल, मेवे, शहद, मट्ठा, दही, दूध, तथा उबली और कच्ची साग-सब्जियों आदि खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।

व्यक्ति को हर समय सीधा तनकर बैठना या खड़ा होना चाहिए। इसके अलावा छाती को आगे को निकालकर तथा गर्दन सीधी रखकर बैठना-उठना चाहिए।

कद लम्बा करने के लिए व्यक्ति को कुर्सी पर बैठते समय पीठ सीधी करके कुर्सी पर बैठना चाहिए या फिर डेस्क या मेज पर झुकते समय पीठ को एक लाइन में सीधा झुकाना चाहिए न कि पीठ के दो हिस्से करके। व्यक्ति को चलते समय पीठ सीधी, कन्धे पीछे की ओर झुके हुए, सीना आगे की ओर निकला हुआ तथा हाथ दीवार की अलार्म वाली घड़ी के पैन्डलूम की तरह झुकाते हुए रहने चाहिए। व्यक्तियों को सोते समय अपनी पीठ और पैर एक सीध में रखने चाहिए। इन सभी सावधानियों का पालन करने पर ही व्यक्ति की लम्बाई बढ़ सकती है।

व्यक्तियों का कद लम्बा करने के लिए कई प्रकार के आसन हैं जिन्हें प्रतिदिन सुबह तथा शाम के समय करने से कुछ ही महीनों में व्यक्ति का कद बढ़ने लगता है। ये आसन तथा यौगिक क्रियाएं इस प्रकार हैं- पश्चिमोत्तानासन, शीर्षासन, भुजंगासन, हलासन, उडि्डयान तथा नौलिक्रिया आदि।

लम्बाई बढ़ाने के लिए व्यक्ति को गहरी श्वास की कसरतें तथा शारीरिक व्यायाम करने चाहिए। जिसके फलस्वरूप ही लम्बाई बढ़ाई जा सकती है।

व्यक्ति को लम्बाई बढ़ाने के लिए सबसे पहले सुबह के समय में किसी खुले स्थान पर सीधे खड़े हो जाना चाहिए। इसके बाद अपने दोनों हाथों को बगल में लटकाते हुए सीधा खड़ा रहना चाहिए। इसके बाद अपनी नाक से सांस अन्दर लेते हुए दोनों हाथों को बगल से धीरे-धीरे ऊपर उठाना चाहिए ताकि वह कन्धों की सीध में आ जाएं। इस अवस्था में व्यक्ति को अपने हाथ सीधे तानकर रखने चाहिए। इस अवस्था में कुछ समय में रहें। इसके बाद अपने हाथों को पीछे की ओर ले जाएं। इसके बाद अपने सिर को थोड़ा पीछे झुका लें और फेफड़ों में थोड़ी हवा और भर लें। व्यक्ति को कुछ समय इस स्थिति में रहना चाहिए। फिर धीरे-धीरे अपनी श्वास को छोड़ना चाहिए। इसके बाद रोगी को पहले की स्थिति में आ जाना चाहिए। इस व्यायाम को प्रतिदिन करने से कुछ ही महीनों में लम्बाई बढ़ने लगती है।

लम्बाई बढ़ाने के लिए व्यक्ति को सुबह तथा शाम के समय में खुली हवा में व्यायाम करना चाहिए। व्यक्ति को सबसे पहले बिल्कुल सीधा खड़ा हो जाना चाहिए। इसके बाद अपने दोनों हाथों को कन्धे की ऊंचाई तक ऊपर उठाना चाहिए और श्वास को अन्दर की ओर खींचना चाहिए जिससे हवा फेफड़े में भर जाती है। इसके बाद कुछ समय के लिए ऐसे ही खड़े रहें और इसके बाद अपने हाथों को धीरे-धीरे ऊपर उठाते हुए पंजों के ऊपर खड़े हो जाएं तथा श्वास भीतर खींचकर फेंफड़ों में हवा भरे। इस स्थिति में व्यक्ति को कुछ समय के लिए रुकना चाहिए और धीरे-धीरे श्वास को छोड़ना चाहिए। इस प्रकार से व्यायाम प्रतिदिन करने से कुछ ही महीनों में लम्बाई बढ़ने लगती है।

व्यक्ति को अपनी लम्बाई बढ़ाने के लिए सबसे पहले सुबह के समय में सीधे खड़े हो जाना चाहिए। इसके बाद अपने सिर को सीधा करके कंधों को थोड़ा पीछे की ओर झुकाना चाहिए और अपने दोनों हाथों की उंगुलियों को मजबूती से आपस में फंसाकर दोनों हथेलियों को सिर के पिछले भाग पर रखना चाहिए। इस अवस्था में व्यक्ति को अपनी गर्दन को कड़ा रखना चाहिए और दोनों हाथों से सिर को बलपूर्वक धीरे-धीरे नीचे की ओर इतना झुकाना चाहिए कि ठोड़ी छाती से जा लगे। इस अवस्था में व्यक्ति को कुछ समय के लिए रुकना चाहिए। इसके बाद सिर को पीछे की ओर धीरे-धीरे जहां तक सम्भव हो उठाएं। इस समय हाथों पर दबाव कम रखना चाहिए। इस प्रकार से प्रतिदिन व्यायाम करने से कुछ ही महीनों में लम्बाई बढ़ने लगती है।

 

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