Herbal Home remedies for Brain Diseases,” Mann aur Mastishk ke Rog”,”Insomnia”,”Anidra ka Ilaj”,Symptoms, Reasons, Causes-“Herbal Treatment”

अनिद्रा (Insomnia) 

Insomnia-Symptoms, Reasons, Causes

 

परिचय:-

 

अनिद्रा अर्थात नींद न आने का रोग आज के समय का एक बहुत ही आम रोग है तथा यह रोग नाड़ी तंत्र से सम्बन्धित रोग है। इस रोग से पीड़ित रोगी को बहुत कम नींद आती है। वैसे देखा जाए तो सभी व्यक्तियों को रोजाना 6 से 8 घण्टे की नींद लेना जरूरी होता है क्योंकि नींद के समय ही तनावयुक्त पेशियों व स्नायुओं को आराम मिलता है। लेकिन अधिक सोना (नींद लेना) भी हानिकारक होता है क्योंकि इससे रोगी के शरीर में कई प्रकार की बीमारियां हो जाती हैं जैसे-आलस्य रोग, सुस्तीपन। नींद जितनी तेज तथा गहरी होती है, उतनी ही इसकी आवश्यकता भी कम पड़ती है तथा लाभ भी अधिक होता है। जब किसी व्यक्ति को आवश्यकता के अनुसार नींद नहीं आती है तो उसे अनिद्रा का रोगी कहते हैं। इस रोग का इलाज प्राकृतिक चिकित्सा से किया जा सकता है। यह बहुत ही कष्टदायक रोग है। इस रोग के कारण कभी-कभी तो रोगी व्यक्ति पागल तक हो जाता है।

अनिद्रा रोग होने का लक्षण:-

         इस रोग से पीड़ित रोगी को नींद बहुत ही कम आती है। कभी-कभी तो व्यक्ति को नींद भी नहीं आती है और वह पूरी रात सोते समय इधर-उधर करवट लेता रहता है। कभी-कभी जब व्यक्ति को नींद आ भी जाती है तो उसकी आंख जल्दी ही खुल जाती है तथा दुबारा नींद नहीं आती है। रोगी का शरीर थका-थका सा लगने लगता है। उसका किसी काम को करने में मन नहीं लगता है। इस रोग के कारण रोगी व्यक्ति की स्मरण शक्ति भी कमजोर पड़ जाती है तथा उसका रक्तचाप सामान्य से अधिक हो जाता है। अनिद्रा रोग के रोगी के चेहरे की स्वाभाविक चमक खो जाती है।

          अनिद्रा रोग के कारण रोगी व्यक्ति को अपनी आंखें भारी-भारी सी लगने लगती है तथा वह चिड़चिड़े स्वभाव का हो जाता है। रोगी व्यक्ति में मानसिक, शारीरिक तथा भावनात्मक तनाव की स्थिति हो जाती है। इस रोग से पीड़ित रोगी को और भी कई प्रकार के रोग हो जाते हैं।

अनिद्रा रोग होने का कारण:-

  1. प्राकृतिक चिकित्सा के अनुसार अनिद्रा रोग होने का सबसे प्रमुख कारण मानसिक तनाव है।

  1. अधिक चिंता करना, जरूरत से अधिक मानसिक या शारीरिक श्रम का अभाव तथा अधिक क्रोध करने के कारण अनिद्रारोग हो जाता है।

  1. पेट में कब्ज बनने के कारण भी अनिद्रा रोग हो सकता है।

  1. रात के समय में अधिक भोजन का सेवन करने, भूखे पेट सो जाने, चाय-कॉफी का सेवन अधिक करने के कारण भी यह रोग हो सकता है।

  1. शरीर में खून की कमी होने तथा अधिक कमजोरी आ जाने के कारण भी यह रोग व्यक्ति को हो जाता है।

  1. धूम्रपान करना, वायुविकार, शरीर में किसी अन्य प्रकार का रोग हो जाने के कारण भी यह रोग व्यक्ति को हो सकता है।

  1. ज्यादा औषधियों का सेवन करने के कारण भी अनिद्रा रोग हो सकता है।

  1. शरीर के रक्त में किसी प्रकार से दूषित द्रव्य के मिल जाने के कारण भी यह रोग हो सकता है।

  1. मस्तिष्क के स्नायु (नाड़ियों) में किसी प्रकार से सूजन तथा दर्द होने के कारण अनिद्रा रोग हो सकता है।

  1. अधिक दिमागी कार्य करने तथा शारीरिक परिश्रम कम करने या बिल्कुल न करने से, कमरे में अधिक प्रकाश होने के कारण भी यह रोग व्यक्ति हो सकता है।

  1. एक ही कमरे में बहुत से व्यक्तियों के साथ सोने के कारण भी यह रोग व्यक्ति को हो सकता है।

  1. सोने का स्थान अधिक गंदा होना, चारपाई तथा बिछौने आदि का गंदा होने और सोने के स्थान पर खटमल आदि होने के कारण भी यह रोग व्यक्ति को हो सकता है।

  1. मानसिक, स्नायुविक उत्तेजना, शोरयुक्त वातावरण के कारण, उत्तेजना युक्त दवाइयों का सेवन करने से भी अनिद्रा रोग को हो सकता है।

अनिद्रा रोग से पीड़ित व्यक्ति का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार:-

  1. इस रोग से पीड़ित रोगी का प्राकृतिक चिकित्सा से इलाज करने के लिए सबसे पहले रोगी व्यक्ति को कुछ दिन तक रसाहार जैसे मौसमी, खीरे, संतरे आदि का रस पीना चाहिए। फिर इसके बाद रोगी को फलों का सेवन करना चाहिए। रोगी को बिना पका हुआ और संतुलित भोजन करना चाहिए।

  1. अनिद्रा रोग से ग्रस्त व्यक्ति को प्रतिदिन कुछ दिनों तक लौकी का रायता खाना चाहिए तथा दूध, दही, मट्ठे आदि का सेवन भी करना चाहिए। इन चीजों के सेवन के फलस्वरूप यह रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।

  1. दही में शहद, सौंफ, कालीमिर्च मिलाकर प्रतिदिन खाने से रोगी को बहुत अधिक लाभ मिलता है और उसका अनिद्रा रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।

  1. अनिद्रा रोग से पीड़ित रोगी को पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर प्रतिदिन सुबह तथा शाम को पिलाना चाहिए। इसके फलस्वरूप यह रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।

  1. यदि रोगी व्यक्ति प्रतिदिन सुबह तथा शाम के समय में छोटी हरड़ को चूसे अनिद्रा रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है।

  1. अनिद्रा रोग से पीड़ित रोगी को कभी भी मसालेदार या ज्यादा तले-भुने भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इन चीजों के सेवन से रोगी का अनिद्रा रोग और भी बढ़ जाता है।

  1. इस रोग से पीड़ित रोगी को सुबह के समय में नंगे पैर घास पर चलना चाहिए। इससे यह रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।

  1. सुबह के समय प्रतिदिन व्यायाम करने से अनिद्रा रोग से पीड़ित रोगी को रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है।

9 . अनिद्रा रोग से पीड़ित रोगी का प्राकृतिक चिकित्सा के अनुसार इलाज करने के लिए रोगी से प्रतिदिन एनिमा क्रिया करानी चाहिए तथा इसके बाद मिट्टी की पट्टी का लेप उसके शरीर पर करना चाहिए। फिर इसके बाद रोगी को कटिस्नान, मेहनस्नान, रीढ़स्नान कराना चाहिए और सप्ताह में एक बार रोगी व्यक्ति को अपने शरीर पर गीली चादर लपेटनी चाहिए।

  1. सोने से पहले रोगी व्यक्ति को गर्मपाद स्नान (गर्म पानी से पैरों को धोना) करना चाहिए और पैरों के तलवों पर सरसों के तेल से मालिश करनी चाहिए। इससे अनिद्रा रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है।

  1. रात को सोते समय रोगी व्यक्ति को अपने सिर में सूर्यतप्त नीला तेल लगाना चाहिए जिसके फलस्वरूप नींद अच्छी आती है तथा अनिद्रा रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है।

  1. प्राकृतिक चिकित्सा के अनुसार यदि रोगी व्यक्ति प्रतिदिन सूर्य नमस्कार, वज्रासन, मकरासन, उत्तानपादासन, पश्चिमात्तानासन, हलासन, भुजंगासन, सर्वांगासन तथा पवनमुक्तासन करें तो रोगी व्यक्ति का अनिद्रा रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।

  1. रोगी व्यक्ति को शीतली, शीतकारी नाड़ीशोधन प्राणायाम तथा ध्यान का अभ्यास प्रतिदिन करने से अनिद्रा रोग कुछ ही दिनों में दूर हो जाता है।

  1. रात को सोने से पहले रोगी व्यक्ति को शवासन क्रिया करनी चाहिए या फिर उल्टी गिनती तथा योगनिद्रा की क्रिया करनी चाहिए इससे अनिद्रा रोग में बहुत लाभ मिलता है।

  1. रोगी व्यक्ति को उत्तर की ओर सिर करके नहीं सोना चाहिए तथा बाईं करवट लेकर ही सोना चाहिए। इसके फलस्वरूप अनिद्रा रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है तथा रोगी व्यक्ति को अच्छी नींद भी आने लगती है।

  1. प्राकृतिक चिकित्सा के अनुसार अनिद्रा रोग को ठीक करने के लिए रोगी व्यक्ति के दोनों पैरों के बीच की उंगली के पिछले भाग को हाथ के अंगूठे से दबाना चाहिए। इसके बाद लगभग 14 से 15 मिनट के बाद फिर इसे छोड़ देना चाहिए तथा फिर से इस क्रम को दोहराना चाहिए। यह क्रिया कम से कम 10 बार करनी चाहिए। ऐसा प्रतिदिन करने से यह रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है तथा रोगी व्यक्ति को नींद भी अच्छी आने लगती है।

  1. रोगी व्यक्ति को गहरी नींद लेनी चाहिए और यह नींद ऐसी होनी चाहिए जैसे जीवित प्राणी शव की भांति निश्चेष्ट होकर सम्पूर्ण रूप से विश्राम (आराम) कर रहा हो। तीन घण्टे की गहरी नींद आठ घंटे की उथली व स्वप्नों से भरी नींद से कहीं अधिक अच्छी होती है। इसलिए गहरी नींद में सोना चाहिए और चिंता फिक्र नहीं करनी चाहिए।

अच्छी नींद लेने के लिए कुछ उपाय:-

 

  1. सोते समय सिर के नीचे तकिया लगाना चाहिए क्योंकि इससे रक्त संचारण का प्रवाह सिर से शरीर की नीचे की ओर होता है और नींद अच्छी आती है। सोते समय सिर हमेशा ऊंचा और बाकी धड़ थोड़ा नीचे रहना चाहिए।

  1. सोते समय बाईं करवट लेकर सोना चाहिए क्योंकि इससे श्वास नली सीधी रहती है तथा शरीर में प्राणवायु का संचारण ठीक प्रकार से होता है।

  1. नींद लेने के लिए कभी भी दवा का उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि दवा से मस्तिष्क के स्नायुतंत्र पर बुरा प्रभाव पड़ता है और इससे कई प्रकार के रोग हो सकते हैं।

  1. इस प्रकार कहा जा सकता है कि गहरी नींद में सोकर हम अनिद्रा रोग को दूर कर सकते हैं तथा स्वस्थ व निरोगी रहकर सुखपूर्वक जीवन व्यतीत कर सकते हैं। इसलिए जब कभी भी सोना चाहिए तो गहरी नींद में सोना चाहिए।

 

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.