रोजाना स्वस्थ रहने के लिए कम से कम 45 मिनट पैदल चलें

स्वस्थ रहने के लिए पैदल चलें

स्वस्थ व् निरोगी शरीर सबसे बड़ी पूंजी है | इसे बनाए रखने के लिए नियमित व्यायाम जरूरी है | व्यायाम कई प्रकार के हो सकते हैं, जिनमें प्रशिक्षण की आवश्यकता भी पड़ सकती है | एक व्यायाम ऐसा भी है, जिसे हर उम्र का व्यक्ति बिना परिक्षण के नियमत रूप से कर  सकता है और वह है पैदल चलना |

group of young people runs at the beach on beautiful summer sunset

स्वस्थ रहने के लिए पैदल चलने से अच्छा कोई व्यायाम हो ही नहीं सकता | बहुत से लोग पैदल चलने की बजाये दौड़ लगाने की अधिक अच्छा मानते हैं | लेकिन आधुनिक चिकित्सकों का मत है कि दौड़ना व्यक्ति के लिए घटक हो सकता ही | पैदल चलना किसी भी दृष्टि से घातक नहीं है | हृदय रोगी, उच्य रक्तचाप के मरीज आदि के लिए भी पैदल चलना लाभदायक है |

शहरों, महानगरों की भागमभाग की जिंदगी में यदि आपके पास पैदल चलने के लिए आधा-एक घंटा भी नहीं है तो निशिचत मानिए –आजनहीं तो कल आप ऐसी बिमारियों की गिरफ्त में आ जाएंगे की डाक्टर आपको चिकित्सा के तौर पर पैदल चलने का नुश्खा बतायें | इससे बेहतर है कि आज से ही नियमित आधा एक-घंटा पैदल चलने की आदत डालें ताकि रोग लगे ही नहीं |

पैदल चलने के लिए सुबह पाँच से सात बजे तक का समय स्व्रधिक उपयुक्त है, क्योंकि इस समय सड़कों पर परदुषण कम रहता है और आप शुद्ध वायु ग्रहण करते हैं | सुबह शौच-क्रिया से निवृत होकर पैदल घूमना चाहिए |

बेहतर होगा शुरुआत आधा किलोमीटर प्रतिदिन से की जाए | हर सप्ताह आधा किलोमीटर की दुरी बढ़ाते जाइए तथा इसे तीन-चार किलोमीटर तक ले जाइए | प्रतिदिन तीन-चार किलोमीटर पैदल घूमना प्राप्त है |

जिन लोगों को सुबह समय नहीं मिल पाता, उन्हें शाम या रात को घुमने निकलना चाहिए | कम से कम रात को भोजन के बाद घुमने अवश्य जाएं |

पैदल चलने के लिए जरूरी नहीं है कि आप इसके लिए अलग से समय निकालें | किसी भी भने आप पैदल चल सकते हैं | थोड़ी दूर चलना हो या अपनी ही कालोनी में कहीं जाता हो तो वाहनों का इस्तेमाल न करें |

नियमित पैदल चलने वाले लोगों की आयु भी लंबी होती है | यानी वे पैदल न चलने वाले लोगों की तुलना में ज्यादा जीते हैं |

मोटापा एक ऐसा रोग है जो अनेक रोगों की जड़ है | यदि इससे मुक्ति पाना है तो पैदल चलना ही होगा | पेट निकलना, जिसे आम बोलचाल में तोंद निकलना भी कहते हैं, पुरुषों के शरीर को बेडोल बनन देता है | यदि ऐसा पेट महिलाओं का बढ़ा हुआ रहे तो वे हर समय गर्भवती दिखाई देती हैं, भले ही वे कुंआरी ही कियों न हों | यदि नियमित पैदल घुमा जाये तो बाहर निकला पेट भीतर जा सकता है |

कब्ज भी उन लोगों को होती है जो पैदल नहीं चलते | पेट में गैस सभी को बनती है लेकिन जो लोग पैदल चलते हैं, उनकी गैस पास हो जाती है और जो नहीं चलते वे गैस की तकलीफ से पीड़ित रहते हैं |

कब्ज भी उन लोगों को होती है जो पैदल नहीं चलते | पेट में गैस सभी को बनती है लेकिन जो लोग पैदल चलते हैं, उनकी गैस पास हो जाती है और जो नहीं चलते वे गैस की तकलीफ से पीडित रहते हैं |

पैदल चलने से घुटनों के जोड़ खुलते हैं और बुढ़ापे तक क्रियाशील बने रहते हैं |

पैदल चलने से व्यक्ति का मन प्रफुल्लित होता है कियोंकि जितने समय वह घर से बहार घूमता है उतनी देर तक घर-गृहस्ती की चिंता एवं तनावों से मुक्त रहता है व् ताजगी महसूस करता है |

वैज्ञानिकों ने उन लोगों की दिनचर्या का गहन अध्ययन किया है, जो 100 वर्ष से अधिक जीवित रहे हैं और यह निष्कर्ष निकाला है कि इनमें 98 प्रतिशत लोग नियमित पैदल चलने के आदि थे |

जो लोग केवल मानसिक परिश्रम ही करते हैं, शरीरिक नहीं, उनकें लिए तो पैदल घूमना सर्वश्रेष्ठ व्यायाम है | डॉक्टर, प्रोफेसर, उच्च अधिकारी, उद्योगपति और बड़े व्यवसायी जो शरीरिक श्रम से प्राय: दूर रहते हैं, उनके लिए तो पैदल चलना जरूरी है |

दौड़ना या जौगिंग करने वाले व्यायाम युवा वर्ग के लोग ही कर सकते हैं, लेकिन पैदल चलने का व्यायाम वृद्ध भी सरलता से कर सकते हैं और फिर बुढ़ापे में टांगों की मांसपेशियां शिथिल हो जाती हैं, जिससे दौड़ना और जौगिंग करना मुशिकल हो जाती है |

कई बार दौड़ने से विशेषकर बड़ी उम्र के लोगों को दिल का दौरा पड़ सकता है |

पैदल चलते समय बस एक ही बात का ध्यान रखना चाहिए वह यह कि कदम लंबे बढ़ाएं | इसे ज्यादा लाभ होता है |

One Response

  1. Phoolchand Dhakar January 24, 2017

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