Herbal Home remedies for Mouth Diseases,”Tongue Blisters”,”Jeebh ke Chalon ka Ilaj”, Symptoms, Reasons, Causes-“Herbal Treatment”

जीभ के घाव छाले (Wound and blister of tongue) 

Tongue Blisters-Symptoms, Reasons, Causes

 

परिचय:-

जीभ पर अनेक कारणों से छाले या घाव उत्पन्न हो जाते हैं। पहले चिकित्सक जीभ को देखकर ही रोग का निर्णय लेते थे। जीभ के द्वारा ही भोजन टेस्ट करने के बाद ही भोजन पाचनतंत्र तक पहुंच पाता है। यदि भोजन विषैला या खराब हो तो जीभ पर पहुंचते ही जीभ उस भोजन को खाने से मना कर देती है। जीभ के कारण ही हम अच्छे-बुरे, स्वाद-बेस्वाद का पता कर पाते हैं और क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए इस बात का पता लगा पाते हैं। जीभ का संबंध सीधा पाचनतंत्र से होता है। इसलिए जब पेट में कब्ज बनती है तो जीभ पर सफेद मैल जमने लगती है। जब कब्ज पुराना होता है और अधिक गैस बनाने लगता है तो उस गैस के कारण जीभ पर घाव या दाने होने लगते हैं। इसके अतिरिक्त शरीर में उत्पन्न गर्मी के कारण भी जीभ पर दाने आदि पैदा हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में दवाई खाने से कोई खास लाभ नहीं होता। कब्ज दूर करने के लिए जिन दवाइयों का प्रयोग किया जाता है, उससे कब्ज दूर नहीं होती। इससे थोड़ा बहुत ही मल निकलता है और कब्ज बना ही रहता है। जिससे कोई लाभ नहीं होता साथ ही दवाइयों के प्रयोग से आंतें कमजोर हो जाती हैं और पाचनतंत्र खराब हो जाता है।

जल चिकित्सा के द्वारा जीभ रोग का उपचार

          जीभ के छाले या घाव को ठीक करने के लिए पेट को साफ करना आवश्यक है। पेट को साफ करने व पाचनतंत्र को सही रूप से काम कराने के लिए मुख्य रूप से 2 स्नान करने चाहिए- कटिस्नान और सम्पूर्ण स्नान।

          इस स्नान को करने से पेट साफ होता है और आंतें मजबूत होती हैं। इससे पाचनतंत्र शक्तिशाली बनता है और भोजन को पचाता है। इससे कब्ज दूर होती है और कब्ज दूर होने से जीभ के रोग भी ठीक हो जाते हैं। जिस व्यक्ति को यह स्नान करने में कठिनाई हो उसे एक तौलिये को ठंडे पानी में भिगोकर 10-15 मिनट तक पेट पर रगड़ना चाहिए और उसके बाद स्नान करना चाहिए। इस स्नान से कटिस्नान की तरह ही लाभ मिलता है। जीभ के दाने व घाव में जीभ पर पानी में पीली बालूदार मिट्टी मिलाकर उससे कुल्ला करना चाहिए। इससे जीभ का रोग जल्द ठीक हो जाता है।

सावधानी

          जीभ के रोग में रोगी को हल्का भोजन करना चाहिए। अधिक मिर्च-मसाले वाला तथा गर्म भोजन नहीं करना चाहिए। ऐसे पदार्थों का सेवन न करें जिससे पेट में कब्ज बन सकती हो।

 

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