Medicinal uses of “Liquorice (मुलेठी)” in Ayurveda

मुलेठी

mulethiमुलेठी का वृक्ष अधिक बड़ा नहीं होता | यह जड़ी-बूटी पहाड़ी तलहटी में प्राकृतिक रूप से पैदा होती है | इसके पत्ते गोल होते हैं | फल लाल रंग का होता है | इसकी जड़ें ही प्रयोग में लाभदायक होती है |

गुण तथा लाभ

इसका स्वाद मीठा, तासीर शीतल होती है | खांसी तथा गले के सब रोगों में उपयोगी, बालों की कमजोरी को दूर करने वाली |

गाने वाले लोग अपने गले को सुर-संगम से जुड़ा रहने के लिए मुलेठ का पान चबाते रहते हैं | क्षय रोगियों के लिए भी मुलेठी का सेवन अच्छा है |

Liquorice

mulethi1The tree is not greater than liquorice. This herb grows naturally in mountain foothills. Its leaves are rounded. The fruit is red. Its roots in the use is beneficial.

Properties and Advantages

It tastes sweet, impression is cool. Useful in all diseases of the throat and cough, to overcome the weakness of the hair.

People who sing to stay connected to your neck Sur association of liquorice keep chewing the betel leaf. TB patients also have plenty of liquorice.

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